(मनोज मौर्य) रायबरेली। इस समय कड़ाके की सर्दी पड़ रही है ऐसे में सभी आयु वर्ग के लोगों को सेहत का ध्यान रखना चाहिए। बच्चों एवं बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि सर्दी में नसें सिकुड़ जाती हैं और यह नसें बाहरी तापमान के प्रति अति संवेदन शील होती हैं। नसें सिकुड़ने पर ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति की नसों में 40 फीसद रुकावट पहले से कोलेस्ट्राल के कारण है तो उसमें हृदय रोग के लक्षण दिखाई नहीं देंगे लेकिन ठंड के कारण नसों के सिकुड़ने से यह रुकावट 70 से 80 फीसद हो सकती है जो कि एन्जाइना या हृदय रोग के रूप में प्रकट हो सकती है। इसलिए जनसामान्य से अपील है कि शरीर को गरम रखें। टोपी, मफलर, दस्ताना, मोजे और गरम कपड़े पहने। गुनगुना पानी पीयें, गरम कमरे से निकलकर अचानक ठंडे में न जाएँ। हल्का सुपाच्य भोजन करें क्योंकि गरिष्ठ भोजन को पचाने के लिए पेट का रक्त संचार बढ़ जाता है और हृदय का रक्त संचार कम हो जाता है। जिससे हृदय की समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए जंक फूड, मिठाई व तले भुने खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें। इसके सेवन से कोलेस्ट्राल बढ़ता है। इसके अलावा प्रोसेस्ड मीट और डेयरी उत्पादों का सेवन भी कम से कम करें। ठंड के मौसम में शारीरिक ग्रतिविधियाँ कम हो जाती हैं ऐसे में हल्का भोजन ही शरीर के लिए फायदेमंद होता है। उन्होंने बताया कि जिन रोगियों का ब्लड प्रेशर अथवा ह्रदय रोग का पहले से इलाज चल रहा है उन्हें चिकित्सक को दिखाकर सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा डिस्प्रिन की गोली अवश्य रखें। आकस्मिक परिस्थिति में चिकित्सक के परामर्श पर एक गोली चबाकर गुनगुने पानी से पी लें। यह खून को पतला करती है जिससे हृदयघात की स्थिति में मृत्यु की संभावना 25 फीसद तक कम हो जाती है और रोगी को अस्पताल तक ले जाने का समय मिलता है।
सर्दी में बच्चे व बुजुर्ग बरतें विशेष सावधानी
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