(बीके सिंह) सीतापुर। किसी अन्य जिले या राज्य में स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए आयुष्मान कार्ड किस तरह मददगार साबित हो सकता है। यह समझने के लिए पढ़िए हरगांव ब्लाक के निवासी राजेश सिंह की कहानी। इस कार्ड के जरिए कार्ड धारक के परिवार को 5 लाख रुपये तक की मदद मिलती है। राजेश अपने काम से मध्य प्रदेश के नागपुर जनपद गए थे। 19 फरवरी 2022 को वहीं उनको दिल का दौरा पड़ गया। आनन-फानन में उन्होंने पहले वहीं के एक निजी चिकित्सक और फिर नागपुर मेडिकल कालेज से संपर्क किया। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें शीघ्र ही आपरेशन कराने की सलाह दी और इस पर करीब 1,80,000 रुपए का खर्च बताया। उन्होंने अपना आपरेशन लखनऊ मेडिकल कालेज में कराने की इच्छा जताई और नागपुर से लखनऊ के लिए रवाना हुए। इसके बाद उन्होंने लखनऊ मेडिकल कालेज के ह्रदय रोग विभाग (लारी) में चिकित्कों को दिखाया, इसी बीच उन्होंने अपने घरवालों को भी इसकी सूचना देते हुए वाट्सएप पर अपना आयुष्मान कार्ड मंगवा लिया। कई जांचों के बाद पांच मार्च 2022 को लारी में ही उनका सफल आपरेशन हुआ। अब वह बिल्कुल स्वस्थ हैं। उनके आपरेशन पर 1,25,000 रुपए का खर्च आया, लेकिन उनका आयुष्मान कार्ड बना था, इसलिए उन्हें इस आपरेशन और दवाओं पर कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ा। एक निजी कंपनी में नौकरी करने वाले राजेश सिंह कहते हैं कि आप जब भी घर से बाहर निकले तो अपना आयुष्मान कार्ड अपने साथ जरूर रखें। समय रहते यदि मुझे आयुष्मान कार्ड न मिल पाता तो इतना महंगा उपचार कराना मेरे लिए असंभव था। उनका कहना है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना हम गरीबों के एक वरदान है।
आयुष्मान कार्ड ने बचाई हार्ट अटैक से जान, जीवन में भरी खुशियां
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