7 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र आरंभ होने जा रहा है। इसको लेकर सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीति बनाने की शुरुआत कर दी है। इसी कड़ी में कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है। इस बैठक के बाद कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने बताया है कि पार्टी किन मुद्दों को संसद में उठाएगी। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस तीन मुख्य मुद्दे उठाएगी। इनमें भारत-चीन सीमा तनाव, महंगाई और देश के संवैधानिक और स्वतंत्र संस्थानों के कामकाज में हस्तक्षेप शामिल है। इसके अलावा जयराम रमेश की ओर से जातिगत जनगणना कराने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जातिगत जनगणना के पक्ष में है, इसे कराना जरूरी है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि EWS आरक्षण पर बातचीत हुई थी, चूंकि SC के 3 न्यायाधीश संशोधन पर सहमत हुए और 2 ने इस पर सवाल उठाए हैं, कांग्रेस इस पर पुनर्विचार करने की मांग करेगी और संसद में बहस करना चाहेगी। जयराम रमेश ने आगे कहा कि आज की बैठक में बेरोजगारी, किसानों के लिए एमएसपी गारंटी, मूल्य वृद्धि, महंगाई, साइबर अपराध, न्यायपालिका और केंद्र के बीच तनाव पैदा करना, रुपये का कमजोर होना, उत्तर भारत में कम निर्यात और वायु प्रदूषण सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। फिलहाल खबर यह है कि शीतकालीन सत्र को मौजूदा भवन में आयोजित करने की तैयारियां जोरों से चल रही हैं, वहीं नए भवन का निर्माण कार्य पूरा होने की नवंबर की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सरकार की योजना सात दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में 16 नए विधेयक पेश करने की है जिनमें बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित विधेयक शामिल हैं। आगामी सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग संबंधी विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है जिसमें राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग (एनएनएमसी) स्थापित करने एवं भारतीय नर्सिंग परिषद कानून 1947 को निरस्त करने का प्रस्ताव है।