सीबीआई ने दिनेश अरोड़ा को भी मामले में सरकारी गवाह बनाया है। दिनेश अरोड़ा ने एक मजिस्ट्रेट के सामने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था और जांच में मदद करने के लिए एक विशेष अदालत से उन्हें माफी मिली थी। सीबीआई ने अगस्त में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद कई जगहों पर छापेमारी की थी। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने की अपनी नीति के साथ कुछ डीलरों का पक्ष लिया जिन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी। इस आरोप का आप ने जोरदार खंडन किया। यह भी आरोप लगाया गया कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारी को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित कई अनियमितताएं की गईं।
सिसोदिया, जिनके पास दिल्ली सरकार में आबकारी विभाग है, के अलावा सीबीआई ने 17 अगस्त को दर्ज हुई प्राथमिकी में तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायियों और दो कंपनियों को आरोपी बनाया था। अपनी प्राथमिकी में एजेंसी ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया और अन्य आरोपी लोक सेवकों ने सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित निर्णय लिए और ‘‘लाइसेंसधारियों को निविदा के बाद अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से’’ निर्णय लिए।