राष्ट्रपति ने MP में लागू किया पेसा एक्ट, CM शिवराज बोले- धर्मांतरण का दुष्चक्र नहीं चलने दिया जाएगा

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 Nov 15, 2022
मुख्यमंत्री ने कहा कि महुआ का फूल, महुए की गुल्ली, अचार की चिरौंजी, हर्रा, बहेड़ा, आंवला ये वनोपज होती है। ये पेसा के नियम तय करते हैं कि ग्राम सभा अब वनोपज का संग्रहण करेगी और इसका मूल्य भी तय कर सकेगी।

मध्य प्रदेश के शहडोल में बिरसा मुंडा की जयंती पर आदिवासी गौरव दिवस का आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू में शामिल हुईं। इस दौरान मध्यप्रदेश में पेसा के नए नियम की भी घोषणा हुई। अपने संबोधन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ तौर पर कहा कि अपने मध्यप्रदेश के धरती पर धर्मांतरण का दुष्चक्र नहीं चलेगा। इसके साथ ही पेसा नियम के बारे में बात करते हुए शिवराज ने कहा कि यह किसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। भगवान बिरसा मुंडा धरती के आबा, धरती के भगवान कहे जाते थे। अंग्रेज उनके नाम से कांपते थे। ऐसे अमर क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर उनके चरणों में प्रणाम करता हूं।

शिवराज ने आगे कहा कि हम गौरवान्वित हैं कि जनजातीय समाज से हमारी तपस्वी बहन आदरणीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। मध्यप्रदेश की धरती पर हम उनका हृदय से स्वागत और अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सचमुच में भारत को भगवान का वरदान हैं। उनके नेतृत्व में भव्य, वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न और समृद्ध भारत का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के साथ हम पेसा कानून के नियम लागू कर रहे हैं। जल, जंगल व जमीन पर सबका अधिकार है। यह पेसा कानून जल, जंगल व जमीन का अधिकार जनजातीय भाइयों-बहनों को देने वाला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महुआ का फूल, महुए की गुल्ली, अचार की चिरौंजी, हर्रा, बहेड़ा, आंवला ये वनोपज होती है। ये पेसा के नियम तय करते हैं कि ग्राम सभा अब वनोपज का संग्रहण करेगी और इसका मूल्य भी तय कर सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब हर साल गांव की जमीन का उसका नक्शा, वन क्षेत्र का नक्शा, खसरा की नकल, B1 की नकल पटवारी या फॉरेस्ट बीट गार्ड को गांव में लाकर ग्रामसभा को दिखाना पड़ेगा, ताकि जमीनों में कोई हेरफेर ना हो। गांव में मनरेगा और अन्य कामों के लिए धन आता है, इससे कौन सा काम किया जायेगा, इसे भी ग्राम सभा तय करेगी। उन्होंने कहा कि पेसा के नियम आपको यह अधिकार दे रहे हैं कि आपके गांव से अगर काम के लिए कोई बेटा-बेटी बाहर जाते हैं तो उसे पहले ग्रामसभा को बताना पड़ेगा कि ले जाने वाला कौन है, और कहां ले जा रहा है।

शिवराज ने साफ तौर पर कहा कि छल-कपट कर बेटी से शादी कर जमीन हड़पने का काम मध्यप्रदेश की धरती पर हम नहीं होंगे देंगे। यदि यह पता चलता है कि किसी ने छल से जमीन नाम करवा ली है तो ग्रामसभा उस जमीन को वापिस करवाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो नियम विरुद्ध काम करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। निर्धारित दरों से अधिक ब्याज दर पर कोई ऋण देगा, तो उसे भी किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जायेगा। वन उपज का न्यूनतम मूल्य तय करने का अधिकार अब ग्रामसभा को होगा। स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और आंगनवाड़ी ठीक से चल रहे हैं या नहीं, यह देखने का भी काम ग्राम सभा करेगी।

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