कौशला लिटरेचर फेस्टिवल लखनऊ में प्रदीप ‘प्यारे’ की कविताओं से गूंजा सदन

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time2 Minute, 40 Second

(अनुराग सोनी) लखनऊ स्थित संगीत नाटक अकादमी में कोशाला लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। जो चार से छह नवंबर तक चलेगा यह कार्यक्रम जिसमें रायबरेली जिले के प्रदीप मौर्य उर्फ प्रदीप ‘प्यारे’ के नाम से जाने जातें हैं जिन्होंने प्रतियोगिता में पहुँच कर अपनी कविताओं को सुनाया और लोगो को प्रभावित किया और उनकी हर पँक्तियो पर खूब तालियाँ बजी –

‘‘किसी को नहीं मिलती सुकून की रोटी,
कोई खा रहा है बैठकर दो जून की रोटी,
हाथों की नक्काशी उतर गई हथोड़े से,
कुछ बेरहम खा रहे हैं सनी खून की रोटी।
हम भी तुम्हारे तरह पढ़े होते।
गर हमारे घर भी पैसों से भरे होते
आज सड़को पर न बटोरते कागज
हम भी महलों में पले होते।’’

इन्होनें अपनी पँक्तियो के माध्यम से असहाय, लाचार, गरीबी के दर्द को कुछ यूँ परोसा कि लोग सुनने पर मजबूर हो गए और आँखे नम हो गई।
इस फेस्टिवल में अन्य विधाओं जैसे गीत, गजल, कविता, नृत्य, स्टैण्डअप कमेडी, भाषण और अन्य विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता रखी गई।
पर्सपेक्टिव कल्चरल फाउंडेशन (पीसीएफ) लखनऊ के यूपी संगीत नाटक अकादमी में 4 नवंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय उत्सव ‘कोशल लिटरेचर फेस्टिवल’ (केएलएफ अवध) का आयोजन कर रहा है। इस पहले संस्करण की थीम है ‘सेलिब्रेटिंग अवध’। ‘केएलएफ अवध’ के सलाह कार बोर्ड में पद्मश्री पुष्पेश पंत (संरक्षक), अंशु खन्ना (सलाहकार), अमिताभ सिंह बघेल (संस्थापक- महोत्सव निदेशक), प्रशांत कुमार सिंह (केएलएफ के संस्थापक और प्रेरणा) और शरद बिंदल (संस्थापक और निदेशक) शामिल हैं।
प्रतिभागियो के रुप में अर्पित कटियार (हरदोई), शादिल (गोरखपुर), आदित्य पाण्डे, व्रतिका, हिमांशी, आदि।
आज छ नवंबर को कार्यक्रम का अन्तिम दिन जिसमें सभी प्रतिभागियो को सम्मानित किया जायेगा।

Next Post

गोला विधानसभा उपचुनाव में एक बार फिर से कमल खिला

(सौरभ […]
👉