(मनोज मौर्य) ऊंचाहार रायबरेली। लगातार तेज आंधी तूफान व मूसलाधार बारिश ने अब अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। इससे बचने के लिए प्रत्येक रहवासी और किसान अपनी सुरक्षा के इंतजाम में व्यस्त है।
गौरतलब है कि जनपद रायबरेली की बड़ी तहसीलों में शुमार ऊंचाहार तहसील के गांवों का इन दिनों बड़ा बुरा हाल है, कोई इसकी खबर लेने वाला नहीं है। ग्रामीण तेज आंधी, कड़कती बिजली और मूसलाधार बारिश से डरे सहमें हैं। कारण स्पष्ट है कि अधिकांश गांवों में जल संरक्षण के लिए बने प्राचीन तालाबों पर अब अतिक्रमण हो चुका है, इसके साथ ही यह प्राचीन तालाब अब पूर्ण रूप से अधमरे भी हो चुके हैं, इनमें जल को संरक्षण करने की तनिक भी क्षमता नहीं है। हां! यह बात और है कि सरकारी अभिलेखों में इन प्राचीन तालाबों को पूर्ण रूप से जीवित रखा गया है। लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करते हैं।
उदाहरण के लिए बता दें कि तहसील क्षेत्र ऊंचाहार के खुर्रमपुर ग्राम सभा के निरंजनपुर गांव का हाल अब बद से बदतर हो गया है। गांव का हर आवागमन का मार्ग क्षतिग्रस्त और जलमग्न है। ग्राम पंचायतों के विकास के लिए मिलने वाला बजट कहां चला जाता है, यह कोई भांप नहीं सकता। उल्लेख- नीय यह भी है कि सरकारी अभिलेखों में निरंजनपुर गांव में कुछ तालाब कई दशकों पहले से दर्ज हैं परंतु आज उनकी पहचान एक छोटे से गड्ढे के रूप में होती है। हालांकि इन तालाबों का क्षेत्रफल कई गुना लंबा और चैड़ा है परन्तु भ्रष्टाचार और गांव की राजनीति ने इसे बहुत छोटा कर दिया है। अधिकारी भी जानबूझकर अनजान बने हैं। इसी गांव निरंजनपुर के कई मोहल्ले में इतना जलभराव है कि ग्रामीणों के पक्के मकान डूबकर अब ढहने की कगार पर हैं। गांव में जलनिकासी की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
वहीं उपजिलाधिकारी ऊंचाहार ने कहा कि तहसील प्रशासन द्वारा पूर्व में ही बीडीओ और समस्त ग्राम प्रधानों को गांवों में ग्रामीणों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए निर्देशित किया जा चुका है। इसके लिए अपेक्षित द्दनराशि भी है। प्रधान द्वारा ग्राम प्रधान निधि से गांव के तालाबों को मनरेगा मजदूरों की सहायता से नालियां बनवाकर, तालाब की गहराई और अधिक कराकर ग्रामीणों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाएं ताकि जल का संरक्षण हो। साथ ही उन्होंने कहा कि तालाबों पर जो अतिक्रमण हुए हैं उनका वाद न्यायालय में विचाराधीन है, आदेश आते ही दखली कराई जाएगी।
तेज बारिश व जलभराव से विकास के सारे दावे हुए हवा हवाई
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