(राममिलन शर्मा)
रायबरेली। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अनवर नगर के दारुल उलूम हबीबिया मदरसा में बुधवार को फाइलेरिया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 23 मई से शुरु हो रहे फाइलेरिया उन्मूलन हेतु दवा खिलाने के अभियान के बारे में बताया गया। जिला मलेरिया अधिकारी डी.एस. अस्थाना ने बताया कि जिले में 23 मई से 7 जून तक फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि लगातार पाँच साल तक साल में एक बार फाइलेरिया की दवा खाने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। आप सब स्वयं भी इस दवा का सेवन करें और अपने घर व आस- पास लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित करें।
फाइलेरिया से बचाव की दवा दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को खानी है। इस अभियान के दौरान आइवरमेक्टिन, एल्बेंडाजोल और डाईइथाइल कार्बामजीन दवा का सेवन कराया जाएगा। दवा खाली पेट नहीं खिलानी ह। दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने सामने ही कराएंगे। आपके घर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता दवा खिलाने आएंगे, उनका सहयोग करें और दवा का सेवन करें।
स्वयं सेवी संस्था पाथ से डा. इलहम जैदी ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। इससे बचाव के लिए सिर्फ दवा का सेवन ही एक रास्ता है जैसे हमने कोरोना से बचाव के लिए टीके लगवाएं। वैसे ही फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा खाना अति आवश्यक है। यह बीमारी मच्छरों के काटने से होती है इसके बचाव का सबसे सरल और आसान रास्ता है कि मच्छर पनपने ही न दें और मच्छरों से बचने के साधन अपनाएं जैसे मच्छरदानी और मच्छर रोधी क्रीम का उपयोग। दवा खा कर अपने जीवन को फाइलेरिया से बचाएं।
प्रोजेक्ट कंसर्न इंटर नेशनल (पीसीआई) के जिला समन्वयक राजू तिवारी ने बताया फाइलेरिया व्यक्ति को आजीवन अपंग बना सकता है। इसीलिए आप सभी लोग अपने परिवार को एवं समुदाय को फाइलेरिया की दवा खाने हेतु प्रेरित करें।
इस कार्यक्रम में सहायक मलेरिया अधिकारी अखिलेश बहादुर सिंह, मलेरिया इंस्पेक्टर आतिफ खान और सुमित सिंह, शिक्षक तथा बड़ी संख्या में छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।
मदरसे में आयोजित हुआ फाइलेरिया जागरूकता कार्यक्रम
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