फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू, सभी खाएं फाइलेरिया रोधी दवा -सीएमओ

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(संदीप सक्सेना) बलराम पुर। विश्व में विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण फाइलेरिया है। इसके उन्मूलन के लिए प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी आज से 27 मई तक एमडीए अभि- यान चलाया जाएगा। अभि यान के तहत स्वास्थ्य कार्य कर्ता घर-घर जाकर सभी लोगों को अपने सामने फाइलेरिया रोधी दवा खिलाएँगे। इसमें गंभीर बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिला व दो वर्ष से छोटे बच्चों को छोड़कर सभी को दवा खिलाई जाएगी।
उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील कुमार ने सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित फाइलेरिया उन्मूलन और गैर संचारी रोग के संबंध में मीडिया संवेदी- करण कार्यशाला में कहीं।
उन्होने बताया कि अन्य बीमारी की भांति फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन में भी मीडिया की अहम भूमिका है। इसके लिए जरूरी है कि संचार माध्यमों के जरिये जन-जन तक फाइलेरिया उन्मूलन का संदेश पहुंचाया जाए।
सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी मच्छर के काटने से होता है। इसको सामान्यतः हाथीपांव भी बोलते है। इसमें पैरों और हाथों में सूजन के अलावा अंडकोष में सूजन जैसी दिक्कत होती है। व्यक्ति में संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में पांच से पंद्रह साल का समय लग जाता है। सीएमओ ने सभी से अपील की, फाइलेरिया से बचने की दवा जरूर खाएं खाए। इसके लिए आज से 27 मई तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलने जा रहा है। इसमें अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया रोधी दवा खिलाएंगे।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ए0के0 सिंघल ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवा खाली पेट नहीं खानी है। साथ ही इस दवा को स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने ही खिलाएँगे। किसी भी हाल में दवा घर ले जाने के लिए नहीं दी जाएगी। इसके लिए सभी का सहयोग आवश्यक है।
उन्होने बताया दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी, बदन में चकत्ते और खुजली जैसी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं। इनसे घबराना नहीं है और आमतौर पर यह स्वतः ठीक हो जाते हैं। अगर किसी को ज्यादा दिक्कत होती है तो आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ब्लाक रिस्पांस टीम को सूचित कर सकता है।
जिला मलेरिया अधिकारी राजेश पाण्डेय ने बताया कि जिले में 24.98 लाख से अधिक की जनसंख्या को अभियान के दौरान दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए 2030 टीम बनाई गई हैं जिनके कार्यों का पर्यवेक्षण 342 सुपरवाइजर करेंगे। उन्होने बताया कि पिछले सर्वे के अनुसार जिले में 201 हाथीपांव के और हाइड्रोसील के 417 मरीज हैं। वर्तमान में नए मरीजों का सर्वे किया जा रहा है । उन्होने बताया कि कैंप के जरिए हाइड्रोसील मरीजों का आपरेशन भी निःशुल्क किया जाता है।
पाथ संस्था की डा. आयशा आलम ने बताया कि फाइलेरिया की दवा सप्ताह में चार दिन सोमवार, मंगलवार, और शुक्रवार प्रातः 11 से दोपहर 3 बजे तक खिलायी जाएगी।
गैर संचारी रोगों पर भी लग रही है लगाम
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक शिवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि लोगों को घर के नजदीक स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सके इसके लिए सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्रों का काया कल्प कर उन्हे हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर में परिवर्तित किया जा रहा है। इन सेंटरों पर गैर संचारी रोग जैसे शुगर, हृदय रोग, बीपी, कैंसर आदि बीमारियों की जांच, उपचार व सही सलाह के लिए कम्यूनिटी हैल्थ आफिसर की नियुक्ति की गयी है। इसके अलावा इन सेंटरों पर आनलाइन विशेषज्ञ चिकित्सक से भी सलाह व इलाज की व्यवस्था की गयी है। उन्होने बताया जनपद में 152 उपकेंद्र व 25 पीएचसी समेत कुल 177 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित हैं।
इस मौके पर एसीएमओ आरसीएच डा0 बीपी सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 अरुण कुमार, एसएमओ डा0 विनय डांगे, डीएमसी शिखा श्रीवास्तव, डीएमओ राजेश कुमार पाण्डेय, सीफार के मंडलीय प्रतिनिधि सुशील कुमार वर्मा व रवि मोहन तिवारी समेत पीसीआई के प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

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