(मोनू शर्मा) कोंच (जालौन)। मुरली मनोहर मंदिर में कोंच इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ सोमवार को हुआ। कार्यशाला में प्रथम दिन प्रतिभागियों ने बेस्ड मैटेरियल से बैज बनाए।
कार्यशाला का शुभारंभ वरिष्ठ समाजसेवी अनिल वैद एड, स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष चतुर्भुज चंदेरिया, मुंबई से आए जय वर्मा, रागिनी वर्मा एवं रामरतन चंदेरिया ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए अनिल वैद ने कहा कि कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल प्रतिभाओं को निखारने एवं उन्हें आगे लाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। कार्यशालाएं प्रतिभा निखारने के साथ-साथ बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं।
चतुर्भुज चंदेरिया ने कहा कि मन में लक्ष्य के प्रति यदि दृढ़ संकल्प हो तो संसाधनों के अभाव जैसी चुनौतियां भी खुद वा खुद परास्त होने लगती हैं और हमारी लगन, परिश्रम हमें सफलता तक ले जाता है। इसलिए समस्याओं से डरना नहीं बल्कि उनका मुकाबला करना चाहिए। जय वर्मा ने कहा कि कोंच जैसे छोटे से कस्बे में कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का साकार रूप लेना बहुत ही सराहनीय है।
फेस्टिवल के माध्यम से प्रतिभाओं को एक मुक्कमल मंच एवं बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा। रागिनी वर्मा ने कहा कि आप लोगों के पास अवसर है। कोंच फिल्म फेस्टिवल ने मौका दिया है, आप सब सीखिए और सक्रियता के साथ सहभागिता कीजिए क्योंकि प्रतिभा उम्र की नहीं प्रदर्शन की पूरक होती है।
कार्यशाला की प्रशिक्षिका नैना अग्रवाल एवं निधि सोनी ने कहा कि बेस्ड मैटेरियल को हम कबाड़ में बेच देते है लेकिन उसे कबाड़ में न बेचकर उससे बहुत कुछ बनाया जा सकता है जो साज सज्जा के साथ साथ आर्थिक उन्नयन का भी लाभ प्रदान कर सकता है। फेस्टिवल के संस्थापक/ संयोजक पारसमणि अग्रवाल ने बताया कि दो दिवसीय आत्मनिर्भर कार्यशाला में पहले दिन प्रतिभागियों ने बैज बनाये जबकि मंगलवार को बुकें बनाना सिखाया जाएगा और फिर 27 अप्रैल को कार्यशाला में बनाये गए बैज व बुकें की प्रदर्शनी मुरली मनोहर मंदिर में लगाई जाएगी।
कार्यशाला उद्घाटन में आये हुए अतिथियों का आभार महेंद्र चंदेरिया ने व्यक्त किया। कार्यशाला में हार्दिक, अद्विक, प्रेरणा शाक्य, दीप्ती शिवहरे, रिया, मुस्कान, अंशिका अग्रवाल, प्रिया शिवहरे, फलक खान, अमरीन, प्रियंका गुप्ता, मानसी गुप्ता, साक्षी सहित दो दर्जन प्रतिभागी शामिल रहे।
आत्मनिर्भर कार्यशाला में बच्चों ने बनाए बैज
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