एटीएस की पूछताछ में बड़ा खुलासा यह हुआ है कि आरोपी मुर्तजा अब्बासी जिहादियों को जोड़ने के लिए एक ऐप पर काम कर रहा था। इस ऐप का नाम उसने जरिमा दिया था। यह भी जानना जरूरी है कि गरिमा का अरबी अनुवाद जुल्म होता है।
दावा किया जा रहा है कि इस ऐप के जरिए वह पियर टू पियर संदेशों का आदान-प्रदान करता था। इस ऐप को डिजाइन करने का उसका मकसद सिर्फ और सिर्फ उन लोगों को जोड़ना था जो जिहाद के रास्ते पर जाना चाहते थे। इसके अलावा वे उन लोगों को भी इससे जोड़ने की कोशिश कर रहा था जिन्हें लगता था कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि मुर्तजा किसी बड़े हमले की तैयारी में था। मुर्तजा बातचीत के लिए कोड का इस्तेमाल करता था। यही कारण है कि एटीएस उससे लगातार पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि वह आईएसआईएस से भी प्रभावित है। यही कारण है कि इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि उसके पास कोई बड़ी जानकारी हो।
मुर्तजा अब्बासी कौन है
अब्बासी ने 2015 में आईआईटी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। उसने कई बड़ी कंपनियों में काम किया है जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार पैट्रोल केमिकल्स शामिल है। उसके पिता मोहम्मद मुनीर कई फाइनेंस कंपनियों के एडवाइजर रहे हैं। आपको बता दें कि केमिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने के बाद मुर्तजा ने ऐप डेवलपिंग का भी कोर्स किया था। घरवालों का दावा है कि 2017 से उसके मानसिक हालात ठीक नहीं है। यूपी एटीएस के मुताबिक आरोपी कुछ दिन पहले नेपाल गया था और मंदिर में जिस धारदार हथियार से इसने हमले की कोशिश की उसे उसने महाराजगंज से खरीदा था। मुर्तजा अब्बासी गोरखपुर का ही रहने वाला है। हालांकि आतंकी साजिश के शक में पुलिस लगातार इसकी जांच कर रही है और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन भी चला रही है।