समाजसेवियों को मुरलीधर आहूजा के द्वारा सम्मानित कराने पर उर्वशी ने लगाया प्रश्नचिन्ह

RAJNITIK BULLET
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(उर्वशी शर्मा) लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में रॉयल- कैफे ब्रांड के नाम से होटल और रेस्टोरेंट की चेन चलाने वाले व्यापारी मुरलीधर आहूजा पर व्यापार करने में देश के प्रचलित कानूनों का पालन नहीं करने का गंभीर आरोप लगाते हुए लखनऊ की तेजतर्रार आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने लखनऊ के मोती महल लॉन में लगे 18वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में समाजसेवियों को प्रोग्रेसिव यूपी अवार्ड से मुरलीधर आहूजा के हाथों सम्मानित कराने पर प्रश्नचिन्ह लगाया है।
बकौल उर्वशी उनकी कई शिकायतों और आरटीआई आवेदनों पर हुई कार्यवाहियों और सूचनाओं से अब यह खुलासा हो गया है कि मुरलीधर आहूजा द्वारा रायल-कैफे के नाम से चलाये जा रहे व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सरकारी नियम कायदों से नहीं चलाकर लाभ कमाया जा रहा है।
इस तरह बिना कानून माने व्यापार करके कमाए गए लाभ का एक हिस्सा सामाजिक संस्थाओं के आयोजनों और पत्रकार संस्थाओं के आयोजनों पर खर्च करके खुद को समाजसेवी और पत्रकारों का नजदीकी होने का कवच ओढ़कर इस कवच के सहारे सरकारी विभागों की कार्यवा हियों से बचा जा रहा है।
इसी आधार पर उर्वशी शर्मा ने लखनऊ के मोती महल लॉान में लगे 18वें राष् ट्रीय पुस्तक मेले में समाज सेवियों को प्रोग्रेसिव यूपी अवार्ड से मुरलीधर आहूजा के हाथों सम्मानित कराने पर प्रश्नचिन्ह लगाया है।
उन्होंने कहा है कि जब तक मुरलीधर आहूजा अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सभी गतिविधियों को सरकारी विभागों के मानकों के अनुसार नहीं कर लेते हैं तब तक उनको सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के मंचों को साझा करके समाज के मूर्धन्य लोगों को सम्मानित करने का कोई नैतिक आधार नहीं है।
उर्वशी ने मुरलीधर आहूजा से अपेक्षा की है कि वे जब तक अपने सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सभी गतिविधियों को सरकारी विभागों के मानकों के अनुसार नहीं कर लेते हैं तब तक वे नैतिक आधार पर अपने आप को किसी भी प्रकार के सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के मंचों से दूर रखेंगे और अपने सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सभी गतिविधियों को सरकारी विभागों के मानकों के अनुसार कर लेने के बाद ही सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के मंचों को साझा करेंगे।

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