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Oct 18, 2022
कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि ये एक बहुत बड़ा जवाब है। एक जवाब में इतने सारे फैसले। तथ्यात्मक बयान कहां है, दिमाग का उपयोग कहां है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि इसे टाला जा सकता था, मैं सहमत हूं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में ग्यारह दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर गुजरात सरकार द्वारा दायर की गई प्रतिक्रिया बहुत भारी है। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को गुजरात सरकार द्वारा हलफनामे पर जवाब दाखिल करने का समय भी दिया है। कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि ये एक बहुत बड़ा जवाब है। एक जवाब में इतने सारे फैसले। तथ्यात्मक बयान कहां है, दिमाग का उपयोग कहां है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि इसे टाला जा सकता था, मैं सहमत हूं।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को गुजरात सरकार द्वारा हलफनामे पर जवाब दाखिल करने का समय भी दिया है। अपने जवाबी हलफनामे में गुजरात सरकार ने कहा कि उसने 1992 की छूट नीति के अनुसार मामले के सभी ग्यारह दोषियों को रिहा करने का फैसला किया क्योंकि उन्होंने जेल में 14 साल से अधिक समय पूरा किया और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया।