बख्शी का तालाब राजकीय बीज केंद्र पर तिलहन मेले का आयोजन

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सरसों की फसल में समय से करें कीट प्रबंधः- डा. सत्येंद्र
(सौरभ श्रीवास्तव) बख्शी का तालाब बढ़ती हुई जन संख्या के कारण आज के परिवेश में खाद्य समस्या अपना वर्चस्व बनाए हुए हैं, इस समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा मिशन की पहल शुरू की है। जिसमें किसानों को सामायिक फसलों के उत्पा दन पर प्रशिक्षण एवं समसाम यिक फसल मेला लगाया जा रहा है। बख्शी का तालाब स्थित बीज भंडार पर तिलहन परियोजना को प्रभावी बनाने तथा इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए आज तिलहन मेला का आयोजन किया गया। इस उपलक्ष्य में चंद्र भानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डा. सत्येंद्र कुमार सिंह ने सरसों की टाईप-9, टाईप- 30, गिरिराज तथा संकर प्रजाति 5222 को लगाने की सलाह दी। तथा बताया कि किसान सरसों की बुआई शीघ्र कर दें। बोने के समय प्रति एकड़ 3 बोरी सल्फर तथा 60 किलोग्राम नाइट्रोजन 30 किलोग्राम फास्फोरस तथा 30 किलो ग्राम पोटाश प्रति एकड़ डालने की सलाह दी, और बताया कि यदि किसान समय से सरसों की बुवाई कर देंगे तो कि कीट एवं बीमारियों का खतरा कम रहेगा। सरसों में मुख्य रूप से शुरुआती अवस्था में आरा मक्खी कीट लगता है इसे प्रबंधित करने के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 6 ग्राम दवा को 15 लीटर पानी की टंकी में घोल बनाकर छिड़काव करें। अपरिपक्व अवस्था में सरसों में मांहू कीट का अधिक प्रकोप होता है इसके लिए इमिडा क्लोप्रिड 0.5 एम एल कीटनाशक को 1 लीटर पानी की दर से घोल छिड़काव करने की सलाह दी। मेले में लखनऊ जनपद के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सलाह कार सुरेश कुमार राजपूत ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की जान कारी दी सरसों के उत्पादन बढ़ाने हेतु तकनीकी बिंदुओं पर चर्चा की। कृषि बीज भंडार के प्रभारी प्रमोद कुमार ने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि संबंधी योजनाओं के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि बीज केंद्र पर गेहूं की एच डी 2967 एवं एच डी 3086 प्रजाति उपलब्ध है किसान समय से अपना बीज क्रय कर लें । खाद्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तकनीकी सहायक सचेन्द्र सिंह ने सरसों की खेती का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि हर किसान को सरसों की खेती करनी चाहिए। सोनू मौर्य और कृष्ण चंद्र रावत ने प्रश्न के माध्यम से जैविक उत्पाद प्रयोग की जानकारी मांगी जिस पर कृषि विशेषज्ञ डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि रसायनों के प्रयोग कम करना चाहिए इसकी जगह जैविक कीटना शक ट्राइकोडरमा, ब्यूबेरिया बैसियाना, मेटारजियम एनीसो पली एवं बैसिलस थुरिजेने सिस का प्रयोग करें। तिलहन मेले राष्ट्रीय खाद्य मिशन के तकनीकी सहायक एस एस गगन ने बताया कि किसानों को समय पर सरसों की बिजाई का कार्य पूरा कर लेना चाहिए इसके लिए ब्लॉक में गिरिराज प्रजाति उपलब्ध है जिस पर 50ः अनुदान दिया जा रहा है। बीज भंडार के कृषि तकनीकी सहायक राणा प्रताप सिंह ने किसानों को फसल बीमा के बारे में बताया। इस मेले मे विभाग के विकास पांडे सिकंदर, विनोद कुमार यादव, दीपक कुमार, जेपी मिश्रा सहित ब्लॉक बक्शी का तालाब के 85 प्रगतिशील किसानों ने प्रतिभाग किया।

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