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(असद नकवी) लखनऊ। अलम ताबूत वहा ऊंट के साथ कार्बला की याद मनाते मातमी अकिदत वह एहतराम के साथ इस जुलूस को मस्जिद सज्जादिया से उठा कर ले गये। जगह-जगह रास्ते में लोगों ने लगाई साबिल तथा हाए मातमी अंन्जुमान माताम पठते जुलूस के आगे चलते राहे। 24 साफर शब को बादे मजलिस आग पर मातम हूआ तथा इस मजलिस को आली जानाब मौलाना कल्बे जव्वाद सहाब ने खेताब किया। बादे मजलिस रात भर शहर की तमाम अन्जुमानो ने नौहा ख्वानी करी जिसके बाद सुबह सज्जादिया मस्जिद से जुलूस को उठाया गया।
मातीमी कलाम पढ़ते हुऐ जुलूस के आगे चलते हुए। कर्बला के शाहीदो का गम मनाते चले। इस तरहा से लोगो ने इमाम की शहादत को याद करते हुए उनका पुरसा दिया।