प्रियंका के सम्मान में रायबरेली के कांग्रेसी आए मैदान में, फिर लगा डाले ये नारे

RAJNITIK BULLET
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(देवेंद्र सिंह) सीतापुर। जब जब योगी डरता है पुलिस को आगे करता है३ कुछ ऐसे और इससे भी गहरे व गम्भीर नारे की गूंज सीतापुर की द्वतीय वाहिनी पीएसी के मुख्य गेट के बाहर लग रहे थे। सोमवार की सुबह से ऐसे नारों का दौर शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी रहा। यह नारे कांग्रेस नेता और वर्कर लगा रहे थे। वजह, पुलिस ने प्रियंका गांधी को अलसुबह हरगांव से हिरासत में लेकर यहीं गेस्ट हाउस में कैद कर दिया था। अंदर बाहर भारी पुलिस फोर्स के बीच नारे लगा रहे नेताओं के बारे में जानकारी की गई तो ज्यादातर रायबरेली जिले के निकले।
कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह भारी भरकम मास्क लगाए हुए चबब सदस्य अशोक सिंह मुन्ना और शमीना सफीक से बात कर रहे थे। मुद्दा लखीमपुर में किसानों की मौत का था लेकिन यहां कांग्रेस नेताओं के चेहरे पर खुशी, उम्मीद, आशा का भाव इसलिये दिख रहा था क्योंकि वे प्रियंका गांधी के लिये यहां मौजूद थे, प्रियंका गांधी उनकी मौजूदगी से वाकिफ हो जाएं इसके लिये सेल्फी विद वर्कर अभियान चलाकर फोटो प्रियंका तक पहुंचा रहे थे। शाम के 5 बजे हैं। नेता पसीना से सराबोर हैं तो महिलाओं की टोली चेहरा साफ कर वीडियो और फोटो खींच कर अपनी नेता पहुंचा रहीं थीं।
मेरे बगल में खड़े एक सरकारी टीचर नजारा देख रहे थे। बोले, यहां तो सब बाहर के कांग्रेसी हैं, लोकल के चेहरे कुछ ही हैं। वे यह भी बोले, कांग्रेस में वर्कर कम नेता ज्यादा हैं। जो नेता हैं उनमें ज्यादातर मुस्लिम दिख रहे। नेताओं का जमावड़ा देख कर यब तंज करने से करने से नहीं चूके कि इस वक्त यह स्थान इन नेताओं के लिये मक्का मदीना से कम नहीं। क्योंकि यहां प्रियंका गांधी हैं, बस वे इन्हें देख लें। बोले, कांग्रेस को इसी तरह की चमचागिरी ने कमजोर कर दिया है। दर असल, यह टीचर दशक भर पूर्व पत्रकार थे, लिहाज वे पत्रकार के नजरिये से अपना मन्तव्य प्रकट कर रहे थे। इस बीच कांग्रेस नेताओं में अकुलाहट दिखी कि लखीमपुर में किसानों की बातें मान लीं गईं हैं तो अब प्रियंका को छोड़ देना चाहिए। लेकिन पता चला कि प्रियंका गया गांधी अब भी लखीमपुर जाकर पीड़ित किसानों से मिलने की जिद कर रहीं हैं जबकि प्रशासन उन्हें सीधे लखनऊ और दिल्ली जाने के लिये मनाने में जुटा है। शाम हो रही थी, नेताओं का जमावड़ा बढ़ता जा रहा था, वर्कर कम होते जा रहे थे। नेता गेट पर जमने लगे, ताकि प्रियंका गांधी बाहर निकलें तो आमना सामना हो जाए। पास में ही एक बड़े न्यूज चैनल की ओवी वैन खड़ी दिखी। जिसे देख नेताओं की लालसा जअ पर दिखने लगी। उम्मीद थी प्रियंका गांधी बाहर आएंगी तो मीडिया से मुखातिब होंगी तो नेताओं को भी मौका मिल जाएगा।

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