जिले में जैविक खेती के लिए जिले के किसानों को करे प्रेरित एवं प्रोत्साहित

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जिले में जैविक खेती के लिए जिले के किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करते हुए जैविक उत्पादनों के उचित मूल्य मूल्य संवद्र्दन, प्रसंस्करण एवं विपणन की समुचित व्यवस्था भी करना सुनिश्चित करें, कृषि योजनाओं से किसानों को लाभान्वित कराने के लिए उनके मार्गदर्शन, प्रशिक्षण एवं उनके सरलीकरण की व्यवस्था भी करें कृषि विभाग के अधिकारी-जिलाधिकारी उमेश मिश्रा’
(अली हैदर) बिजनौर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने उप निदेशक कृषि को निर्देश दिए कि जिले में जैविक खेती के लिए जिले के किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करें तथा जैविक उत्पादनों के मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण एवं विपणन की समुचित व्यवस्था भी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि किसानों को कृषि उत्पादक संगठन (एफ0पी0 ओ0) सहित अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उनके प्रचार-प्रसार के साथ ही योजनाओं से लाभान्वित कराने के लिए उनका मार्गदर्शन, प्रशिक्षण एवं उनके सरलीकरण की व्यवस्था करें ताकि कृषक बन्धु उन योजनाओं का समु चित लाभ उठा कर अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
जिलाधिकारी श्री मिश्रा आज दोपहर 12ः00 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयो जित कृषि उत्पादक संगठन (एफ0पी0ओ0) जैविक खेती तथा जैविक उत्पादों के मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण एवं विप णन से संबंधित परिचर्चा कार्य क्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण, संक्रमित बीमारियों से सुरक्षित रहने का सक्षम उपाय जैविक खेती को प्रोत्साहित करना और कृषकों को उसके अंगीकार के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि किसनों को उनके जैविक उत्पादकों का वाजिब मूल्य प्राप्त हो। उन्होंने कृषि विभाग से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को उनके जैविक उत्पादकों का वाजिब दाम दिलाने के लिए गंभीरता के साथ प्रयास करें ताकि उन्हें आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि कृषि अधिकारी गांवों का भ्रमण कर किसानों एवं आम नागरिकों को पराली, कृषि अवशेष अथवा कूड़ा जलाने से होने वाले पर्यावर णीय नुकसान तथा वायु प्रदू षण से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से अवगत कराएं ताकि वे इससे होने वाले खतरनाक संकट से परिचित हो कर स्वयं जागरूक होते हुए पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाले किसी कार्य को करने से गुरेज करें।
उन्होंने कहा कि जैविक उत्पदों का बहुत ही विस्तृत बाजार है और सामान्य उत्पादों की तुलना में जैविक उत्पादों के अधिक मूल्य होने के बावजूद उनकी बहुत ज्यादा मांग है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती का विस्तार तभी सम्भव हो सकता है, जब सुनियोजित एवं सुव्यवस्थित तरीके से कृषकों को उनके जैविक उत्पादों का वाजिब मूल्य प्राप्त कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए कृषकों को प्रेरित करें और उन्हें प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए जैविक उत्पादों के वाजिब दाम उपलब्ध कराने के लिए विपणन की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर पद्मश्री पुरस्कार से विभूषित भारत भूषण त्यागी द्वारा अपने विचार करते हुए जैविक खेती, उत्पादों का विपणन आदि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। तदोपरांत जिलाधिकारी एवं अन्य अतिथिगणों द्वारा विकास भवन के प्रांगण में कृषि से संबंधित विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण भी किया गया।
परिचर्चा कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी के0पी0 सिंह, मुरादाबाद दुग्ध उत्पा दक सहकारी संघ लि0, दल पतपुर के चेयरमैन प्रदीप कुमार चैधरी, उप कृषि निदे शक गिरीश चन्द्र, प्रबंधक नाबार्ड, जिला कृषि अधि कारी, जिला गन्ना अधिकारी सहित अन्य विभागों विभागों के अधिकारी एवं कृषक बन्धु मौजूद थे।

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