आकर्षण का केंद्र बनेंगे तीन जिला अस्पतालों व सभी सीएचसी पर बनने वाले सेल्फी कार्नर

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(संदीप सक्सेना) बलरामपुर, 29 अगस्त। पहली बार गर्भवती व धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य, देखभाल और पोषण के लिए पूरे देश में चलायी जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को गति प्रदान के लिए जिले में एक से सात सितम्बर तक मातृ वंदना सप्ताह मनाया जाएगा। इस सप्ताह को एक उत्सव के रूप में मनाने की योजना है, जिसके तहत सप्ताह के हर दिन अलग- अलग गतिविधियाँ आयोजित की जायेंगी। हर साल मनाये जाने वाले इस सप्ताह की इस बार की थीम ‘मातृ शक्ति-राष्ट्र शक्ति’ निर्धारित की गयी है । इस बार इस सप्ताह के दौरान गर्भवती को कोविड टीकाकरण के प्रति विशेष तौर पर जागरूक करने की भी योजना है ।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व योजना के नोडल अफसर डा. बी.पी. सिंह ने बताया कि सप्ताह के दौरान सभी पात्र गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभ पहुँचाने पर जोर दिया जाएगा। जन सामान्य तक ज्यादा से ज्यादा योजना का प्रचार- प्रसार हो और स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता के प्रति संवेदन शीलता को बढ़ावा दिया जाए। सप्ताह के दौरान गर्भवती को उचित आराम व पोषण की जरूरत होती है इसके बारे में समझाया जाएगा। उन्होने बताया कि सभी संबंधित कर्मचारियों व चिकित्सकों को निर्देश दिये गये हैं कि इस दौरान नियमित प्रसव पूर्व देखभाल की आवश् यकता बताई जाए क्योंकि एक स्वस्थ शिशु के लिए जरूरी है कि गर्भवती के पोषण का खास ख्याल रखा जाए।
हरी साग- सब्जियों व मौसमी फल को नियमित भोजन में शामिल किया जाए। गर्भवती को यह भी बताया जाए कि संस्थागत प्रसव में ही माँ-बच्चे की सुरक्षा निहित है व शिशु टीकाकरण बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है ।
-साढ़े चार साल में 54 हजार महिलाओं को मिला करीब 22 करोड़ रूपये का लाभ
योजना के शुरू होने के बाद वर्ष 2017-18 में 5392 महिलाओं को 56 लाख 63 हजार रूपये, 2018-19 में 12753 महिलाओं को 05 करोड़ 23 लाख 81 हजार रूपये, वर्ष 2019-20 में 17792 महिलाओं को 08 करोड़ 72 लाख 16 हजार रूपये, वर्ष 2020-21 में 15137 महिलाओं को 07 करोड़ 05 लाख 23 हजार रूपये, वर्ष 2021-22 में अब तक 3417 महिलाओं को 01 करोड़ 23 लाख 05 हजार रूपये का लाभ दिया जा चुका है।
-योजना के तहत तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रूपये
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला कार्यक्रम सहायक पुनीत मणि त्रिपाठी ने बताया कि पहली बार गर्भवती होने पर योजना के तहत पंजीकरण के लिए गर्भवती और उसके पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है । बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए । पंजीकरण के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं । प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने और गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर धात्री महिला को तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।

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