़(मो0 रिजवान) 8 अगस्त प्रयागराज। प्रयागराज में गंगा यमुना की दोनों नदियों मे लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है जिसकी वजह से जनपद प्रयागराज में बाढ़ भयावह रूप देखने को मिल रहा है हम आपको बता दें कुछ ही दिन पहले ही संगम नगरी में स्थित प्राचीन लेटे हनुमान जी का मंदिर भी पूरी तरह से जलमग्न हो गया है और गंगा की तेज लहरों की चपेट से लोग सहमे हुए है। संगम नगरी में दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा जहां खतरे के निशान को पार करने के करीब पहुंच गई है, वहीं यमुना भी डेंजर लेवल को पार करने को बेकरार है। दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर से कई इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। बाढ़ प्रभावित इलाके में सबसे ज्यादा परेशानी बीमार बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है। घर में बाढ़ के पानी के साथ-साथ जीव जंतु भी घुस रहे हैं। लोग नाव के जरिए ही रोजमर्रा की जरूरतों को लेने जा रहे। बाढ़ प्रभावित इलाकों की बात करें तो जनपद करेलाबाग व करैली के निचले इलाकों में बाढ़ का भयावह रूप देखने को मिलता है करेली क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों से गुजरने वाली ससुर खदेरी नदी के जरिए यमुना नदी प्रवेश करती है और पूरे इलाके को जलमग्न कर देती है वही आज यमुना नदी ससुर खदेरी नदी के जरिए करौली क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों में पानी का हुआ प्रवेश लोगों में दहशत का माहौल, इसी माहौल का जायजा लेने के लिए राजनीतिक गलियारों के नेता पीड़ित परिवारों के हाल-चाल लेने के लिए पहुंच रहे हैं विगत कई वर्षों से करेलाबाग व करैली क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों में जो लोग पिछले कई वर्षों से बाढ़ की मार झेल रहे जबकि यह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से मुक्त हो सकता है, इस क्षेत्र के रहने वाले बुद्धिजीवियों का कहना है। करेला बाग में स्थित यमुना नदी के पास करेलाबाग व बक्शी मोड़ा के संपर्क मार्ग को जोड़ने वाले सेतु के पास गंगा इकाई प्रदूषण द्वारा एक बड़ी वाल खड़ी करके एसटीपी प्लांट बना दिया जाए तो क्षेत्र के लोगों को बाढ़ से निजात मिल सकती है। क्योंकि इसी रास्ते यमुना नदी प्रवेश करती है और एक बड़े इलाके को जलमग्न कर देती है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी से लेकर थाने तक की समस्या बढ़ जाती है ऐसे में समाजसेवी संगठनों राज नीतिक गलियारों जनता की तकलीफों को समझते हैं और उन बाढ़ पीड़ित प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सामान खाने पीने की चीजों को मुहैया कराई जाती है। साथ ही कुछ क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान खाली पड़े घरों में चोरियां भी होती है बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में चोरी की घटनाओं को रोकने के साथ-साथ खाने पीने की चीजें को मुहैया कराने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ साथ जिला प्रशासन के लिए एक चुनौतीपूर्ण का कार्य है। बाढ़ की वजह से हजारों परिवार प्रभावित होते हैं लोगों का लाखों का नुकसान होता हैं।
करेली क्षेत्र के गड्ढा कालोनी में रहने वाले अलीम खान ने बताया अभी तक शासन और प्रशासन की तरफ से कोई सुध लेने वाला यहां नहीं पहुंचा जिनका मकान कई स्टोरी बना हुआ है वह अपना समान ऊपर शिफ्ट कर रहे हैं और जिन का मकान एक ही स्टोरी बना हुआ है वह सामान उठाकर सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं।
बाढ़ की स्थिति हुई भयावह घरों में घुसा पानी
Read Time4 Minute, 41 Second