बाबुल सुप्रियो ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि मेरे फैसले पर जो आप लोगों ने कहा है वह मैंने पढ़ा है। हर कोई अपने हिसाब से मेरी बातों का अर्थ निकाल रहा है। इसके साथ-साथ कोई मेरा समर्थन कर रहा है तो कोई विरोध कर रहा है।
बाबुल सुप्रियो ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि मेरे फैसले पर जो आप लोगों ने कहा है वह मैंने पढ़ा है। हर कोई अपने हिसाब से मेरी बातों का अर्थ निकाल रहा है। इसके साथ-साथ कोई मेरा समर्थन कर रहा है तो कोई विरोध कर रहा है। कुछ लोग अपने हिसाब से भाषा का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, यह सब स्वीकार है मुझे। लेकिन मैं अपने काम से जवाब दूंगा। इसके साथ ही बाबुल ने पूछा कि काम के लिए सांसद या मंत्री होना जरूरी है क्या?
आपको बता दें कि बाबुल सुप्रियो के राजनीति छोड़ने के ऐलान पर दिलीप घोष ने कहा था कि क्या उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है? किसी का राजनीति में आना या छोड़ना उसका खुद का फैसला हो सकता है। इसके बाद दिलीप घोष ने कहा था कि उन्हें समझाइए कि फेसबुक पर पोस्ट लेकर राजनीति नहीं छोड़ी जाती। वहीं तृणमूल के कुणाल घोष ने कहा था कि लोकसभा चल रही है। वहां स्पीकर बैठे हुए हैं। वहां इस्तीफा देने की भाषा है। बाबुल सुप्रियो फेसबुक पर ड्रामा कर रहे हैं। कुणाल ने यह भी कहा कि असल में बाबुल पॉलिटिक्स नहीं छोड़ना चाहते हैं। बस अपनी ओर ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं।