प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर मनाया जा रहा ‘‘अमृत महोत्सव’’ कार्यक्रम ना तो किसी सरकार का या फिर किसी राजनीतिक दल का है बल्कि देश की जनता का है।
उन्होंने कहा कि इस साल 15 अगस्त को देश आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है और जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने की आज की पीढ़ी साक्षी बन रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अवसर पर देश अमृत महोत्सव मना रहा है जिसकी मूल भावना अपने स्वाधीनता सेनानियों के मार्ग पर चलना और उनके सपनों का देश बनाना है। उन्होंने कहा, ‘‘अमृत महोत्सव किसी सरकार का कार्यक्रम नहीं, किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं, यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है। जैसे, देश की आजादी के मतवाले, स्वतंत्रता के लिए एकजुट हो गए थे वैसे ही हमें देश के विकास के लिए एकजुट होना है।’’
उन्होंने देशवासियों से देश के लिए काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि इसमें छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला देते हैं। ‘‘वोकल फॉर लोकल’’ यानी स्थानीय उत्पादों को बढ़ाना देने और ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ अभियान को मजबूत करने के लिए, उन्होंने कहा, ‘‘रोज के काम काज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देशवासियों से भारत छोड़ो आंदोलन की तर्ज पर ‘‘भारत जोड़ो आंदोलन’’ में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र सर्वप्रथम और हमेशा सर्वप्रथम के मंत्र के साथ ही हमें आगे बढ़ना है…तो आइए, हम ‘अमृत महोत्सव’ पर यह अमृत संकल्प लें कि देश ही हमारी सबसे बड़ी आस्था, सबसे बड़ी प्राथमिकता बना रहेगा।’’ प्रधानमंत्री ने तोक्यो ओलंपिक का उल्लेख करते हुए कहा कि जब हाथों में तिरंगा लेकर भारतीय दल को वहां उन्होंने चलते देखा तो पूरा देश गौरवान्वित हो गया। पिछले दिनों खिलाड़ियों से अपने संवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों ने कई चुनौतियों और संकट का सामना करने के बाद ओलंपिक दल में अपनी जगह बनाई। उन्होंने देशवासियों से ओलंपिक खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने की अपील की।