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Jul 22, 2021
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा ‘किसान संसद’ लगाने पर टिकैत ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है। जब तक संसद चलेगी हम यहां आते रहेंगे। सरकार चाहेगी तो बातचीत शुरू हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसान नहीं बल्कि मवाली हैं। इसी को लेकर अब राजनीति गर्म हो गई है। इसी पर किसान नेता राकेश टिकैत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। राकेश टिकैत ने कहा कि मवाली नहीं किसान हैं, किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है। ANI के मुताबिक कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा ‘किसान संसद’ लगाने पर टिकैत ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है। जब तक संसद चलेगी हम यहां आते रहेंगे। सरकार चाहेगी तो बातचीत शुरू हो जाएगी।
वहीं किसानों के मुद्दे पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कहा कि किसानों की मांग है कि 3 काले कानून को रद्द किया जाए। नरेंद्र मोदी, तोमर साहब और उनके बाकी सभी साथी यही कह रहे हैं कि इन 3 कानूनों से कोई नुकसान नहीं है और उसमें क्या कमियां है वो बता दीजिए। हमने पहले भी बताया है और आज भी हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि संसद में मानसून सत्र के बीच केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने मध्य दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया। पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी है और वाहनों की आवजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है।