झोला छाप डाक्टर बेच रहा है गर्भपात की प्रतिबंधित दवा

RAJNITIK BULLET
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(शमशाद सिद्दीकी)
हापुड़। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कालाबाजारीयो पर लाख सख्ती के बावजूद प्रशासन झोला-छाप डॉक्टर और अवैध रूप से मेडिकल संचालको के नकेल कसने में नाकाम होता नजर आ रहा है।
मामला मोदीनगर रोड लविशा मेडिकल स्टोर से जुड़ा है।जिसके संचालक नरेन्द्र प्रजापति झोला छाप डॉक्टरों की श्रेणी में आते है।जिनकी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमे एक महिला व उसके पति को गर्भपात की प्रतिबंधित दवा साफ बेचते नजर आ रहे है।साथ ही महिला के इंजेक्शन लगाने की बात कर रहे है।वीडियो में संचालक को कालाबाजारी करते हुए पर्दाफाश हुआ।
वीडियो देखकर आप अंदाजा लगा सकते है की कैसे संचालक मुसीबत के समय अवसर का लाभ उठा रहा है।आखिर गर्भपात की प्रतिबंधित दवा बिना डॉक्टरों की सलाह के संचालक को अवैध रूप से बेचने का अधिकार किसने दिया।साथ ही मेडिकल संचालक ने दवा को ओवर रेटिंग में भी बेचा है। संचालक ने अपनी मनमानी करते हुए 385रु की दवा 400रु में देकर कहा दुबारा आने की जरूरत नही पड़ेगी।
जब इस बारे में ड्रग इंस्पेक्टर लव-कुश से बात हुई तो संचालक को झोला झाप डॉक्टर बताते हुए कहा कि संचालक के खिलाफ जांच कर दण्डनीय करवाई की जाएगी और साथ ही संचालक का लाइसेंस भी रद किया जाएगा।
अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या सरकार की करवाई से मेडिकल संचालक बच पाएंगे।जब कालाबाजारी करने वालो पर सीधे निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया हुए है तो अब तक देरी क्यों।
मुख्यमंत्री ने सीधे-सीधे कहा है कि जो कालाबाजारी करने वालो के खिलाफ छै। यानी रासुका के तहत करवाई कीजिये।राष्ट्रीय सुरक्षा कानून उनपर लगाइये लेकिन करवाई कीजिये।मेडिकल स्टोर का लाइसेंस क्या यहाँ जल्द से जल्द रद होना नही चाहिए।और बड़ी बात यह भी है कि मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से मात्र 500-700 मीटर की दूरी पर कालाबाजारी होती रही और आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।अगर समय से लविशा मेडिकल स्टोर पर कार्यवाही हो जाती या ध्यान दिया जाता तो शायद मरीजो की जिंदगी से खिलवाड़ नही होता।

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