फर्जी रजिस्ट्री से एलडीए की करोड़ों की जमीन हड़पने का प्रयास करने वालों पर मुकदमा। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के आदेश पर फर्जीवाड़े के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के क्रम में पकड़ी गई धांधली। फर्जीवाड़े में शामिल जमीन के क्रेता और विक्रेता के खिलाफ सरोजनीनगर थाने में दर्ज कराई गई एफआइआर।
(संतोष उपाध्याय) लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभि षेक प्रकाश द्वारा फर्जीवाड़े के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान रंग लाता नजर आ रहा है।
हाल ही में अलीगंज, प्रियदर्शिनी योजना और ठाकुरगंज में भूमाफियाओं की रची साजिश को नाकाम करने के बाद एलडीए ने सोम वार को कानपुर रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर योजना में फर्जी रजिस्ट्री का पर्दाफाश करते हुए आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर योजना में खाली पड़े भूखंडों के संबंध में प्राधिकरण द्वारा यह विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था कि अगर संबंधित भूखंड किसी को आवंटित हो तो वे इसके अभिलेख प्राधिकरण में उपलब्ध कराएं। इस पर अवनीश कुमार की पत्नी मीता तिवारी द्वारा भूखंड संख्या एफ-344 पर अपना मालि काना हक बताते हुए रजिस्ट्री की कापी उपलब्ध कराई गई। जोकि, प्रारंभिक जांच में फर्जी पायी गई।
पूछने पर मीता तिवारी ने यह बताया कि उन्होंने यह भूखंड हिंद नगर निवासी विनय चैधरी की पत्नी मनदीप चैधरी से 31 अगस्त 2020 को खरीदा है। मीता चैधरी द्वारा दिए गए दस्ता वेजों का परीक्षण करने पर यह पाया गया कि मनदीप चैधरी द्वारा उक्त भूखंड की रजिस्ट्री 5 दिसंबर 2000 को उप निबंधक कार्यालय में अपने नाम दर्शायी गई। जांच में पाया गया कि मनदीप चैधरी की ऐसी कोई रजिस्ट्री उप निबंधक कार्यालय में दर्ज ही नहीं थी। सचिव पवन गंगवार ने बताया कि इससे यह स्पष्ट होता है कि मनदीप चैधरी ने प्राधिकरण की संपत्ति हड़पने के उद्देश्य से उक्त भूखंड के फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उसके आद्दार पर इसे मीता तिवारी को विक्रय किया। वहीं, मीता तिवारी ने भी बिना जांच किए उक्त संपत्ति खरीदी। इस पूरी कार्रवाई में मीता तिवारी और मनदीप चैधरी की दुरभि संद्दि प्रतीत होती है।
लखनऊ विकास प्राद्दि करण द्वारा उक्त पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कराए जाने के बाद मंदीप चैधरी और मीता तिवारी के खिलाफ सोमवार को सरोज नीनगर थाने में एफ आई आर पंजीकृत करा दी गई।