(राजेश कुमार वर्मा)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि जो लोग विदेशी आक्रमणकारियों का महिमा मंडन करते हैं, वे ‘गुलामी की मानसिकता’ से ग्रस्त हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को अपने नायकों और सभ्यतागत विरासत पर गर्व होना चाहिए। मुख्यमंत्री यहाँ आर्मी स्कूल में भारत के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सी डीएस) जनरल बिपिन रावत की चैथी पुण्यतिथि पर उनके नाम पर एक सभागार का उद्घा टन करने के बाद बोल रहे थे। इस अवसर पर, आदित्यनाथ ने रावत की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य 8 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक हेलीकाप्टर दुर्घटना में मारे गए थे। सभा को संबो धित करते हुए, आदित्यनाथ ने कहा कि जनरल रावत राष्ट्रीय गौरव, कर्तव्य और साहस के प्रतीक थे, और नया सभागार और प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रत्येक भारतीय से राष्ट्रीय पुनरुत्थान के लिए ‘पंच प्रण’ (पाँच संकल्प) अपनाने के आह्वान को याद किया। उन्होंने कहा कि क्या कोई सच्चा भारतीय है जो एक कमजोर या गरीब भारत चाहेगा? हर सच्चा भारतीय एक सुरक्षित, विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र चाहता है। अगर हम ऐसा भारत बनाना चाहते हैं, तो ये पाँच संकल्प हमारे जीवन का हिस्सा बनने चाहिए। पहले संकल्प – ‘अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का प्रयास’ पर बोलते हुए, आदित्य नाथ ने कहा कि भारतीयों को अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए और राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए।
योगी ने कहा कि हमें भग वान राम, भगवान कृष्ण, महा राणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह जी और रानी लक्ष्मीबाई की विरा सत पर गर्व है। जो समाज अपने नायकों की उपेक्षा करता है, वह कभी प्रगति नहीं कर सकता। ये महान व्यक्तित्व हमारी विरासत हैं। उन्होंने कहा कि दूसरा संकल्प औपनि वेशिक अधीनता की मानसिक ता को पूरी तरह त्यागना था।
योगी आदित्यनाथ की हुंकार, बोले- विदेशी आक्रांता हमारे आदर्श नहीं हो सकते
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