हर देशवासी को 2025 की सफलताओं की गाथाओं का ऐसा इतिहास रचना होगा कि दुनियाँ के रोंगटे खड़े हो जाएं, कहें वाह रे भारत के लाल तूने कर दिया कमाल !

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर दुनियाँ का हर देश नए आ गंतुक वर्ष 2025 को सैल्यूट करने के लिए बेसब्री से इंत जार राहत के यह नया वर्ष उनके लिए खुशियों का बे शुमार तोहफा लेकर आए। वैश्विक स्तर पर वर्ष 2024 को विदा होने में अभी कुछ पल शेष हैं, परंतु मेरा मानना है कि हमें समझ लेना है कि भारत में सफलताओं के झंडे गाड़ने वाले वर्ष 2024 सभी साथ मिलकर शुकराना अदा करें। हमें इतना सामर्थ्य बल प्रदान किया कि सभी क्षेत्रों में सफलताओं के ऐसे झंडे गाड़े कि विश्व की निगाहें भारत की ओर मुड़ गई कि आखिर इतनी भारी सफलता ओं का राज क्या है? क्योंकि न केवल 142.6 करोड़ विशा ल जनसांख्यिकीय तंत्र का कुशल नेतृत्व बल्कि आर्थिक, सामाजिक राजनीतिक नेतृत्व के गुणों की सुगंध को सारी दुनियाँ की नजरों में ले जाकर वैश्विक मंचों पर फिजिकली जाकर अपेक्षाकृत अधिक प्रतिष्ठा और मान सम्मान पाया! विश् व की नजरें 2024 से भारत के प्रति बदल गई। वैश्विक नेताओं के भारत के प्रति बाॅडी लैंग्वेजेस बदल गए। हर अंत र राष्ट्रीय मंच पर अमेरिका ब्रिटेन आॅस्ट्रेलिया जैसे राष्ट्रा अध्यशों की नजरें भारतीय पीएम को ढूंढते नजर आई। इसलिए हमें वर्ष 2024 का शुकराना अदा करना होगा क्योंकि अगर हम साल 2024 के पन्नों को पलट कर देखेंगे, तो इस साल में हमनें कई उपलब्धियां हासिल की है, जिसने देश का न सिर्फ मान बढ़ाया बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अलग पहचान दी है। अब आने वाले नए वर्ष 2025 वर्ष के लिए अभी से ही हर देशवासी को सफलताओं का सटीक इतिहास रचने का ऐसा रोडमैप बनाएं और क्रिया न्वयन करें ताकि वर्षांत तक विश्व गुरु बनने का सपना सा कार करने में पुरजोर मेहनत दिखे कि इंडिया जो कहता है वह करके दिखाता है।
साथियों बात अगर हम नए साल 2025 के स्वागत के साथ उम्मीदों की करें तो, नया साल एक बार फिर भविष्य की नई उम्मीदें लेकर आ रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था को भी साल 2025 से काफी उम्मीदें हैं और उद्योग एवं आंतरिक संवर्द्धन विभाग की मानें तो अगला साल भारत के लिए विदेशी निवेश के मोर्चे पर अच्घ्छा साबित होने वाला है। डीपीआईआईटी का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता ओं और चुनौतियों के बावजू द भारत में 2024 में जनवरी से अब तक औसतन मासिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 4.5 अरब डाॅलर से अधिक रहा है। पी एम नीत सरकार के देश में निवेशक अनुकूल उपायों को बढ़ावा देने से 2025 में भी यह रुझान बरकरार रहने की उम्मीद है –
(1) तकनीकी प्रगति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – यह 2024 की तरह 2025 भी तकनीकी तौर पर दुनिया को बदलकर रख देने वाले बद लावों का साक्षी होगा, जिस तरह 2024 में एआई ने दुनिया को आसान बनाया, नया साल भी नए बदलावों से एक बार फिर हैरान करेगा खासकर हेल्थ केयर फाइनेंस उद्योग क्षेत्र में कारगर सिद्ध होगा। (2) जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय स्थिरता-2020 के दशक को क्लाइमेट एक्श न के लिए श्निर्णायक दशकश् माना जाता है सस्टेनेबल फ्यूचर की दिशा में ये जरूरी कदम उठाने का एक महत्वपूर्ण समय है। हरित ऊर्जा क्रांति की बात करें, तो जैसे-जैसे जल वायु परिवर्तन तीव्र होता जा एगा, नवीकरणीय ऊर्जा में वै श्विक निवेश बढ़ता रहेगा 20 25 में इसकी अनेक उम्मीदें है।
(3) भू-राजनीतिक बद लाव-उम्मीद की जा रही है कि साल 2025 में दुनिया के चार बड़े नेता, यानी ट्रंप, पुतिन, शी जिनपिंग और नरेन्द्र मोदी एक बार फिर से भू-राजनी ति की दिशा तय करेंगे। 20 25 में दुनिया के सबसे शक्ति शाली लोकतंत्र, यानी अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में डोना ल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल शुरू होगा (1) इस कार्यकाल में ट्रंप घरेलू स्तर पर एक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करेंगे, जिसमें विकास पर जोर होगा और नई नौकरियों के सृजन पर फोकस किया जाएगा साथ ही, कारगर अर्थ व्यवस्था के निर्माण पर फो कस होगा, इसके अलावा उम्मीद की जा रही है कि ट्रंप दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में छिड़े युद्ध को खत्म करने की दिशा में भी पहल करेंगे।
(2) रूस के राष्ट्रपति व्ला दिमीर पुतिन, रूस के राष्ट्र पति के रूप में अपना 20 वां साल पूरा कर रहे हैं, 2025 में पुतिन अपने क्षेत्रीय विस्ता र की मुहिम जारी रखेंगे। (3) दुनिया की सबसे बड़ी तानाशाही सरकार और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्य वस्था, यानी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बात करें, तो उनके नेतृत्व में देखा गया है कि वैश्विक स्तर पर भू- राजनीति और व्यापार के क्षेत्र में चीन का आक्रामक रुख रहा है। लेकिन 2025 में लगता है कि वे दबदबा कायम करने वाले अपने इस रवैये में कमी लाएंगे और घरेलू अर्थव्यवस्था और देश के भीतर पैदा हो रहे असंतोष से निपटने पर ध्यान केंद्रित करेंगे
(4) वैश्विक अर्थव्यवस्था महंगाई और आर्थिक सुधार की बात करें तो वैश्विक अर्थ व्यवस्था को महंगाई के दबाव का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब देश महा मारी के वित्तीय प्रभावों से उबर रहे हों। अनुमान लगाया गया है कि साल 2025 से 20 26 तक एशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक आर्थिक विकास में प्रमुख योगदानकर्ता बनी रहेंगी और वैश्विक व्यापा र में चीन की हिस्सेदारी और बढ़ेगी अमेरिका की इकोनाॅमी 2024 में 2.8 फीसदी बढ़ेगी, और 2025 में 2.4 फीसदी और 2026 में 2.1 फीसदी बढ़ेगी
(5) भारत की बात करें, तो क्रिसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है. मजबूत आर्थिक गतिविधियों और खप तमें सुधार केचलते ये अनुमा न लगाया गया है।
साथियों बात अगर हम विजन 2047 में वर्ष 2025 के महत्वपूर्ण योगदान की उम्मीद की करें तो, सरकार ने भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सकल घरेलू उत्पाद में मैन्युफैक्चरिंग सेक्ट र की हिस्सेदारी को मौजूदा 17 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस सपने को पूरा करने के लिए नीति आ योग ने विजन-2047 भी पेश किया है। इसके तहत अर्थ व्यवस्था को 3.36 ट्रिलियन डाॅलर के मौजूदा स्तर से 9 गुना वृद्धि का लक्ष्य है। ऐसे में प्रति व्यक्ति आय को सालाना 2,392 डाॅलर के स्तर से 8 गुना बढ़ाना का भी लक्ष्य है। इससे 2047 तक 30 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था वाले भारत में 18 हजार डाॅलर की प्रति व्यक्ति सालाना आय होगी। इसके साथ ही गांवों को गरीब मुक्त बनाया जाएगा। विजन के तहत आम लोगों के लिए बेहतर आवास, शिक्षा, स्वच्छ पेयजल, सुलभ तरीके से जन सुविधाओं को मुहैया कराया जाना भी शामिल है।
(1) रोजगार बढ़ेंगे – सरकार ने 14 क्षेत्र में उत्पाद न लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को शुरू किया। अब मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, फाॅर्मास्यूटि कल, इंजीनियिरंग गुड्स जैसे कई क्षेत्रों को इसका फायदा मिला है। इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
(2) युवाओं की दक्षता बढ़ाएंगे – देश के युवा को स्किल से लैस बनाने के लिए सरकार काम कर रही है। कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
(3) मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए)भारत ने इस वर्ष चार यूरोपीय देशों के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता किया है। अगले 15 सालों में 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी। इनमें स्विट्जरलैंड, नाॅर्वे, आइस लैंड और लिनसेस्टाइन शा मिल है।
(4) विनिर्माण में नेतृत्व भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2026 तक 55 अरब डाॅलर और 2030 तक 110 अरब डाॅलर तक पहुंचने का अनुमान है। फिलहाल सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल स्मार्टफोन, कारों, डेटा सेंटर और इलेक्ट्रिक उप करणों में इसका इस्तेमाल होता है।
साथियों बात अगर हम वर्ष 2024 के साथ ऐतिहासि क यारी और आर्थिक क्षेत्र में शुकराने के कारणों की करें तो हमें, तमाम चुनौतियों के बावजूद देश में आर्थिक वि कास को गति मिल रही है। वैश्विक स्तर पर भारत बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभर रहा है। आत्मनिर्भर भारत बना ने की दिशा में शुरू किए गए प्रयासों का अब असर दिखाई देना लगा है। मेक इन इंडिया के तहत दुनिया भर की कंप नियां अब भारत में आ रही है और यहां पर अपने उत्पाद तैयार कर रही हैं। जीएसटी कलेक्शनरू टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर भारी तेजी देखने को मिल रही है। अप्रैल 2024 में जीएसटी कलेक्शन 2.10 लाख करोड़ के रिकाॅर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। नवंबर में यह 1.82 लाख करोड़ का रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार – 20 सितंबर को विदेशी मुद्रा भंडार 2.84 अरब डाॅलर बढ़ कर 692.30 अरब डाॅलर के रिकाॅर्ड पर पहुंचा। सितंबर में मुद्रा भंडार 22.3 करोड़ डाॅलर बढ़कर 689.46 अरब डाॅलर की नई ऊंचाई पर पहुंचा था। आंकड़ों में सबसे कम बेरोज गारी – वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में शहरी बेरोजगारी की दर घटकर 6.4 प्रतिशत पर आ गई है। यह 2017 से संकलित किए जा रहे आंकड़ों में सबसे कम बेरोजगारी है। सोना-चांदी ने भरी उड़ान – 45 वर्ष में पहली बार एक वर्ष की अव धि में सोना-चांदी एक साथ सबसे अधिक बढ़े। सोना 81 हजार प्रति तौला और चांदी एक लाख प्रतिकिलो के स्तर से पार पहुंचे। यूपीआई का बढ़ रहा दबदबा – जनवरी से नवंबर 2024 के बीच यूपीआई से 15,547 करोड़ से अधिक लेन-देन हुए हैं, जिनके जरिए 223 लाख करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन हुआ।
7.28 करोड़ आईटीआर – आकलन वर्ष 2024-25 के लिए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए। इनमें 5.27 करोड़ रिटर्न नए टैक्स रिजीम के तहत दाखिल हुए। सेंसेक्स-निफ्टी की उड़ान – सितंबर को सेंसेक्स 85,978.25 के अपने रिकाॅर्ड उच्चस्तर पर पहुंचा था। नि फ्टी ने भी 26,277 के सर्वका लिक उच्च स्तर को छुआ। उसके बाद से उतार-चढ़ाव जारी है।
साथियों बातें कर हम स्पो र्ट्स क्षेत्र में 2024 को शुक्राने की करें तो, एक क्रिकेट विश्व कप, आधा दर्जन ओलंपिक पदक और दो शतरंज विश्व चैंपियन, वर्ष 2024 ने भारती य खेल प्रशंसकों को जश्न मनाने के कई मौके दिए जिस से खेलों की दुनिया में देश का भविष्य उज्जवल नजर आता है, यूं तो वर्ष 2024 ने भारतीय खेलों में कुछ यादगार पल जोड़े लेकिन जिन तारी खों को याद किया जाएगा उनमें 29 जून, 30 जुलाई, 12 दिसंबर और 28 दिसंबर शामिल हैं। भविष्य की दि शा में एक बड़ा कदम 2036 ओलंपिक की मेजबानी के इरादे का औपचारिक आशय पत्र सौंपना रहा, यह एक ऐसा कदम है जिसमें देश के खेल परिदृश्य को बदलने की क्षमता है। पिछले चार महीनों में शतरंज बोर्ड भारत के लिए खुशहाली का मैदान बन गया है, जहां पुरुष और महिला दोनों टीमों ने सितंबर में पह ली बार ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीते हैं वहीं डी गुकेश और कोनेरू हम्पी ने दिसंबर में विश्व खिताब के साथ नई ऊंचाइयों को छुआ। गुकेश 12 दिसंबर को 18 साल की उम्र में चीन की डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैपियन बने जबकि 37 वर्षीय हम्पी ने 28 दिसंबर को अपने करियर में दूसरी बार महिलाओं का रैपिड विश्व खिताब जीता। साथियों बात अगर हम रक्षा क्षेत्र में 2024 को शुक्राने की करें तो,साल 2024 में रक्षा के मोर्चे पर कई ऐसी घटनाएं हुईं जो श्इति हास में पहली बारश् श्रेणी में दर्ज हो गईं। पूरा साल देश को मिली महत्वपूर्ण उपल ब्धियों और सफलताओं के नाम रहा। भारत को मजबूत, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और स मृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने पूरी ताकत झोंक दी। 54 मंत्रालयों में सबसे अधिक पैसा रक्षा मंत्रालय को दिया गया था। खास बात यह है कि भारत सरकार के 54 मंत्रालयों और 93 विभागों में रक्षा मंत्रालय को सबसे अधिक फंड आवंटित किया गया। केंद्र सरकार के कुल खर्च का लगभग 13 फीसदी हिस्सा रक्षा मंत्रालय को दिया गया।

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