भ्रष्टाचार की शून्य सहिष्णुता लाने प्रशासकीय नजरिए में पारदर्शी व्यवस्था तथा नागरिकों की मुख्य सहभागिता जरूरी

RAJNITIK BULLET
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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर राजनीतिक भ्रष्टाचारियों को कड़ा संदेश देने के लिए दुनियाँ की न्यायपालिकाएं अब कमर कर चुकी है शाय द यही कारण है कि दुनियाँ भर में न्यायपालिकाओं के पर खतरे जा रहे हैं, जिस का सटीक उदाहरण फ्रांस के सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से स्पष्ट होता है, बता दें फ्रांस की सर्वोच्च अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को भ्रष्टाचार और प्रभाव के दुरुपयोग के मामले में दोषी ठहराते हुए उनकी एक साल की जेल की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट आॅफ कसेशन ने इस मामले पर अपना अंतिम फैसला सुना या, जिसमें कहा गया, सजा और दोष अब अंतिम हैं। भारत में कुछ महीनों से नए भारत, आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल भारत, प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में झंडे गाड़ रहे भारत, 5 ट्रि लियन डाॅलर की अर्थव्यव स्था इत्यादि अनेक मिशन को लेकर खूब चर्चाएं हो रही है। टीवी चैनलों पर डिबेट हो रहे हैं जो इस दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं। और हो भी क्यों ना क्योंकि यह विजन हमारे पीएम का ड्रीम विजन है। हम अक्सर प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज न 2047 का जिक्र सुनते हैं, जो हमारे देश के स्वतंत्रत भारत का 100 वाँ साल होगा और हमारे उपरोक्त सभी विजन का एक डेडलाइन नि र्धारित साल है। हम आज से ही इन योजनाओं में सक्रिय हो गए हैं कि 2047 में हमारा भारत कैसा होगा। साथियों इस नए भारत में एक बात को प्राथमिकता देना तात्कालिक अनिवार्य है, वह है भ्रष्टाचार को जीरो सहिष्णुता में लाना! क्योंकि यही वह कड़ी है जो प्राथमिकता से सभी योजनाओं, नीतियों और लक्ष्यों को बाधि त कर देती है, साथियों जो विकास की योजनाएं चलती है उसमें एक छोटी टेबल से लेकर अंतिम मुख्य टेबल तक का रोल होता है। एक आम आदमी का काम भी एक छोटी टेबल से लेकर मुख्य टेबल तक होता है। परंतु इस बीच में भ्रष्टाचार का दीमक मलाई को चट कर जाता है जिस का दुष्परिणाम आम आदमी को ही भुगतना पड़ता है, पूरा बोझ इमानदार टैक्सपेयर पर पड़ता है, हमने रिपोर्ट में देखे कि ग्राॅस डायरेक्ट टैक्स कले क्शन, जिसमें काॅरपोरेट टैक्स, पर्सनल इनकम टैक्स और एस टीटी शामिल हैं, 19.21 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, यह पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 20.32 प्रतिशत की वृद्धि दर्शा ता है। 1 अप्रैल से 17 दिसंबर, 2024 के बीच कुल 3.39 लाख करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए गए हैं,इसे कायम रखने के लिए इस भ्रष्टाचार रूपी दीमक को प्रशासनिक सख्ती, पारदर्शी व्यवस्था और नागरिकों की मुख्य सहभागि ता रूपी दवाई से मिटाने में आसानी होगी। हमारे कुछ टेबल वाले अपवाद साथियों को भी सोचना होगा कि, भ्रष्टाचार के नशीले अहसास में रास्ते गलत पकड़ लिये और इसीलिये भ्रष्टाचार की भीड़ में हमारे साथ गलत साथी, संस्कार, सलाह, सह योग जुड़ते गये। जब सभी कुछ गलत हो तो भला उस का जोड़, बाकी, गुणा या भाग का फल सही कैसे आएगा? तभी भ्रष्टाचार से एक बेहतर हमें अपने परिवार की दुनिया बनाने के प्रयासों के रास्ते में भारी रुकावट पैदा हो रही है, इसका कारण है खोटी कमाई। इसीलिए हम नए भा रत, आत्मनिर्भर, भारत 5 ट्रि लियन डाॅलर वाली अर्थव्यव स्था का भारत बनाने के लिए इस दीमक की बीमारी पर योजना बद्ध तरीके से रणनीति क रोडमैप बनाकर काम क रना होगा ताकि भ्रष्टाचार की शून्य सहिष्णुता हो सके।
साथियों बात अगर हम भ्रष्टाचार समाप्त करने पर काम करने की करें तो शासन प्रशासन इस दिशा में अनेक योजनाएं, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 30 सालों के बाद संशोधन कर नए प्राव धान शामिल कर भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 कर उनमें अनेक प्राव धान शामिल किए गए हैं, जि समें ऐसी कार्रवाई में व्यक्तिगत और कारपोरेट संस्थानों के लिए भी प्रभावी रोकथाम की व्यवस्था की गई है। परंतु मेरा मानना है कि उसके बाद भी यह दीमक अपनी खुराक बराबर निकाल ही रहा है। साथियों अब समय आ गया है कि इस दीमक के लीकेजे स ढूंढकर उनकी खुराक बंद करने की व्यवस्था की जाए, जो नए और आत्मनिर्भर भारत की नीव के पहियों में से एक साबित होगी।
साथियों बात अगर हम अब छोटी से बड़ी टेबल वालों की करें तो अब उनकी भी जवाबदारी, जिम्मेदारी का सही, सचेत समय आ गया है कि हमारे पीएम की बात, ना खाऊंगा ना खाने दूंगा, के मंत्र को एकदम गंभीरता से लेकर उसको अमल करना शुरू कर देंगे तो टेबल वालों का भी नए और आत्मनिर्भर भारत बनाने में उनका बहुत बड़ा योग दान माना जाएगा, क्यों कि दीमक को वह अपने पास फ टकने ही नहीं देंगे तो दीमक की मृत्यु होना निश्चित है, जिससे शून्य सहिष्णुता का मंत्र हम खुद ही पा लेंगे।
साथियों बात अगर हम माननीय केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा अनेकों संबोधनों में भ्रष्टाचा रीयों को उल्टा लटकाकर सी धा करने की बात करने की करें तो, 20 सितंबर 2024 केंद्रीय गृह मंत्री ने साहिबगंज से पार्टी की परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की इसके स भा को संबोधित किया। प्रदेश में पार्टी की सरकार बनाएं, भ्रष्टाचारियों को उल्टा लट काकर सीधा करेंगे, परिवर्तन यात्रा पीएम के महान झार खंड विकसित झारखंड के सपने को पूरा करने का मक सद लेकर आई है। परिवर्तन यात्रा झारखंड से घुसपैठियों को निकालने, माता-बहनों को सुरक्षा देने, युवाओं को रोजगार देने, आदिवासी दलित व पिछड़ों का कल्याण करने के लिए आई है। भ्रष्टाचार के मामले पर कहा इन भ्रष्टा चारियों को उल्टा लटका कर सीधा करने का काम करेंगे। मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि इसका क्रिया न्वयन शीघ्र तात्कालिक किया जाए, जिसकी अभी से सीधे रणनीति बनाकर टाॅपअप से बॉटमअप तक व 747 जिलों से 5410 से अधिक तहसीलों तक पैनी नजर रखकर ऐसा जाल बिछाया जाए, कि एक चपरासी भी 10 रुपए की रि श्वत लेने से डरे! जिस तरह से माननीय गृहमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ बाॅडी लैंग्वेज दि खाते हैं वह अब धरातल पर तात्कालिक लाना जरूरी है।
साथियों बात अगर हम इस भ्रष्टाचार रूपी दीमक की करें तो यह केवल भारतीय ही नहीं वैश्विक समस्या भी है इसीलिए ही, अन्तर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस प्रतिवर्ष पूरे विश्व में मनाया जाता है। 31 अक्टूबर 2003 को संयुक्त राष्ट्र ने एक भ्रष्टाचार विरो धी समझौता पारित किया था और तभी से यह दिवस भी मनाया जाता है। पूरे विश्व में एक समृद्ध, मूल्याधारित समाज को बनाए रखने के लिए भ्रष्टाचार को खत्म कर ना इस दिन का मुख्य उद्देश्य है। इस दिन सम्मेलन, भाषण, रैलियां, प्रदर्शनियां, नाटक आ दि कई गतिविधियां संयुक्त राष्ट्र और संबंधित सदस्य रा ज्यों के द्वारा भ्रष्टाचार से ल ड़ने की भावना के साथ आ योजित की जाती हैं।
साथियों बात अगर हम केंद्रीय पीएमओ राज्यमंत्री द्वारा एक कार्यक्रम में संबोधन की करें तो पीआईबी के अनुसार उन्होंने भी पीएम द्वारा दिए गए उस संबोधन की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, जिसमें पीएम ने कहा, नया भारत अब भ्रष्टाचार को व्यव स्था के हिस्से के रूप में स्वी कार करने के लिए तैयार नहीं है।मंत्री जी ने कहा कि व्यवस्था को पारदर्शी, सक्षम और दुरुस्त बनाने के प्रयास तेज गति से चल रहे हैं। नए अधिनयम में रिश्वत लेने के साथ-साथ रिश्वत देने को भी अधिनियम में अपराध माना गया है। साथ ही, ऐसी कार्र वाइयों में व्यक्ति और कॉर्पोरेट संस्थाओं के लिए एक प्रभावी रोकथाम की भी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि व्यव स्था में अधिक पारदर्शिता, नाग रिकों की सहभागिता और जवाबदेही लाना वर्तमान सर कार की प्रतिबद्धता है और इस बात का संकेत देश में उच्च संस्थानों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए लोक पाल की संस्था को संचालित करने की इसकी निर्णायक पहल से मिलता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और बेहि साब धन के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए, सरकार द्वारा पिछले वर्षों के दौरान कई पहलें की गई हैं। उन्होंने कहा कि 26 मई, 2014 को पीएम के रूप में शपथ लेने के शीध्र बाद, पीएम की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की पहली बैठक में काले धन का पता लगाने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से, भ्रष्टा चार निवारण अधिनियम 198 8 में संशोधन, लोकपाल के पद की स्थापित और पारद र्शिता बढ़ाने के लिए एसीसी (नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति) के निर्णयों समेत सभी सरकारी फैसलों को तत्काल सार्वजनिक करने सहित अने क सुधार किए गए हैं। उन्हों ने बताया कि पिछले वर्षों के दौरान 15 सव से अधिक का नूनों को समाप्त कर विभिन्न नियमों और विनियमों को स रल बनाया गया। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अंतर राष्ट्रीय गंभीर समस्या है भ्रष्टा चार नए भारत, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना में भ्रष्टा चार की शून्य सहिष्णुता लाने प्रशासकीय नजरिए में पारदर्शि ता व्यवस्था तथा नागरिकों की मुख्य सहभागिता जरूरी है।

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