राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन संपन्न

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(राममिलन शर्मा) रायबरेली। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व यूपी राज्य वि0 सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार शनिवार को वर्ष की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायालय रायबरेली में मा० जनपद न्यायाधीश तरुण सक्सेना की अध्यक्षता में तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के नो डल अधिकारी श्री विद्याभूषण पाण्डेय अपर जिला जज की उपस्थिती में किया गया, जिस में कुल 1,51,415 वाद निस्ता रित किये गये। राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारि यों द्वारा कुल 5743 वाद निस्तारित हुए एवं कुल रु0 1098695 (दस लाख अठ्ठानबे हजार छः सौ पन्नचनब्बे रुपये) अर्थदण्ड के रुप में वसूल किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायबरेली के सचिव अपर जिला जज अनुपम शौर्य के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में माननीय जनपद एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सक्सेना के द्वारा कुल 2 वाद, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय अनुपमा गोपाल निगम के द्वारा 23 वाद, मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण के प्रभारी पीठासीन अधिकारी ध्रुव कुमार तिवारी के द्वारा 45 वाद एवं प्रतिकर धनराशि 3,23,54,000, विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0एक्ट) प्रतिमा द्वारा 02 वाद, चतुर्थ अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश ई0सी0एक्ट के द्वारा 41 वाद तथा प्रतिकर धनराशि रु0 15,72,630, विशेष न्याया धीस पाक्सो आलोक कुमार सिंह द्वारा 10 वाद एवं रु0 9000 का अर्थदण्ड, अपर जिला जज एफ0टी0सी0-प्रथम विद्याभूषण पाण्डेय के द्वारा 02 वाद एवं रु0 1000 का अर्थ दण्ड, अपर जिला जजध्एफ 0टी0सी0-द्वितीय सुशील कुमार वर्मा के द्वारा 9 वाद एवं रु0 4500 का अर्थदण्ड, अपर जिला जजध्एफ0टी0सी 0-तृतीय विमल त्रिपाठी के द्वारा 1 वाद एवं रु0 500 का अर्थदण्ड, मुख्य न्यायिक मजि स्ट्रेट के द्वारा 1506 वाद एवं रु0 3,57,600 का अर्थदण्ड, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम अमोद कंठ के द्वारा 611 वाद एवं रु0 91000 का अर्थ दण्ड, अपर मुख्य न्यायिक म जिस्ट्रेट-द्वितीय प्रभाष कुमार त्रिपाठी के द्वारा 1485 वाद एवं रु0 5,50,000 का अर्थ दण्ड, अपर मुख्य न्यायिक म जिस्ट्रेट तृतीय सिद्दीकी साईमा जर्रार आलम के द्वारा 255 वाद एवं रु0 2290 का अर्थ दण्ड,चतुर्थ अपर मुख्य न्या यिक मजिस्ट्रेट डा0 विवेक कुमार-द्वितीय के द्वारा 299 वाद एवं रु0 145050 का अर्थ दण्ड, अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय प्रथम चन्द्र मणि मिश्रा के द्वारा 17 वाद, अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वितीय रचना सिंह के द्वारा 13 वाद, अपर सिविल जज (वरिष्ठ संवर्ग) नीरज सिंह द्वारा 740 वाद एवं रु0 2440 का अर्थदण्ड, सिविल जज (वरिष्ठ संवर्गध्एफ0टी0सी0) दिव्या सिंह के द्वारा 03 वाद, सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग) खैरुननिशाँ के द्वारा 13 वाद एवं प्रतिकर धनराशि रु0 79 0395 का अर्थदण्ड, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय सुश्री ज्योति प्रकाश सिंह के द्वारा 204 वाद व अर्थदण्ड रु0 3540, सिवि ल जज (कनिष्ठ संवर्ग) डलमऊ सुश्री वसुन्धरा शर्मा के द्वारा 15 वाद व प्रतिकर धनराशि रु0 1108181, ग्राम न्यायालय तहसील-लालगंज देवेश कुमार यादव के द्वारा 25 वाद व अर्थदण्ड रु0 250, ग्राम न्यायालय तहसील-सलोन अंकित कुमार सिन्हा के द्वारा 60 वाद व अर्थदण्ड रु0 600, ग्राम न्यायालय तहसील- ऊँचाहार मनु गुप्ता के द्वारा 27 वाद व अर्थदण्ड रु0 270, अपर सिविल जज कनिष्ठ सं वर्ग प्रथम सुश्री श्रेया सोलंकी के द्वारा 42 वाद व अर्थदण्ड रु0 670, अपर सिविल जज कनिष्ठ संवर्ग द्वितीय शिवम वर्मा के द्वारा 79 वाद व अर्थ दण्ड रु0 2800, अपर सिविल जज कनिष्ठ संवर्ग तृतीय श्री शमवील रिजवान के द्वारा 146 वाद व अर्थदण्ड रु0 35 90, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (लघु वाद) श्री एच0एन0 मिश्रा के द्वारा 68 वाद व अर्थदण्ड रु0 6150 निस्तारित कर जमा कराये गये। इस प्रकार सम स्त न्यायिक अधिकारियों के द्वारा कुल 5743 वादों का निस्तारण करते हुए कुल रु0 1098695 (दस लाख अठ्ठा नबे हजार छः सौ पन्नचनब्बे रुपये) जुर्माने के रुप में वसूल की गयी। इसके अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद प्रति तोष आयोग के अध्यक्ष श्री मदन लाल निगम द्वारा 18 वाद निस्तारित करते हुए रु0 831619 समझौता धनराशि तय की गयी। जनपद राय बरेली के समस्त विभागों के द्वारा प्री-लिटिगेशन के मा ध्यम से कुल 1,45,672 वादों का निस्तारण करते हुए कुल धनराशि रु0 67928661 (छः करोड़ उन्यासी लाख अठ्ठा इस हजार छः सौ इकसठ रुपये) की धनराशि तय की गयी।
इस लोक अदालत में अन्य मामलों के साथ-साथ बड़ी संख्या में ई-चालान के मा मले, चेक बाउंस (एन0आई0 एक्ट) के मामले तथा वैवाहि क विवाद के मामले निस्तारित किये गये। तलाक के मुहाने पर खड़े कई जोड़ों का सुलह -समझौता कराकर वापस भेजा गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला कारागार रायबरेली में बंदियों द्वारा बनाई गई सामग्री की प्रदर्शनी दीवानी न्यायालय में प्रदर्शित की गयी, जिसमें बड़ी संख्या में आमज न द्वारा प्रतिभाग किया गया।
आमजन की सहायता के लिए न्यायालय परिसर में कई जगह सहायता पटल व हेल्प डेस्क बनाये गये।

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