(राममिलन शमा)
अमेठी। फाइलेरिया बीमारी से बचाव को लेकर 10 फरवरी से शुरू हुआ सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) राउंड आगामी पांच मार्च तक चलेगा।
इसी क्रम में ब्लाक बहादुरपुर स्थित सीएचसी फुरसतगंज इलाके के गांव उड़वा में मंगलवार को 113 बच्चों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई गई। दवा के सेवन के बाद 5 बच्चो को कुछ दिक्कत हुई थी बच्चों ने हल्का चक्कर आने, मितली व सिर दर्द की शिकायत की। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की स्थानीय एवं ब्लाक स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) ने त्वरित कार्य वाही की। बच्चों एहतियात के तौर पर अस्पताल जाकर स्वास्थ्य लाभ दिलाया गया। सीएमओ डा. अंशुमान सिंह ने स्वयं उड़वा गांव, स्कूल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बच्चों का निरीक्षण कर बताया कि गांव में फाइले रिया रोधी दवा सेवन के बाद अब किसी को कोई समस्या नहीं है। सभी बच्चे स्वस्थ हैं। अधिकतर बच्चे बिना कारण घबरा गए थे किसी दवा व उपचार के ही कुछ ही देर बाद पूरी तरह से ठीक हो गए हैं।
सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं गुण वत्ता एवं प्रभाव स्तर पर पूरी तरह से सुरक्षित हैं। दवा खाने के बाद जिन लोगों को उल्टी, चक्कर एवं सिर दर्द जैसी शिकायतें हुई हैं, इससे यह पता चल गया कि शरीर में फाइलेरिया के परजीवी थे और दवा खाने के बाद परजीवी के मरने के कारण उल्टी, चक्कर या सिर दर्द जैसे छोटी-मोटी शिकायत हुई है। उन्होंने बताया यह दवा के सकारात्मक प्रभाव है ऐसे में घबराएं नहीं। यह एक तरह से आपके अंदर परजीवी होने के संकेत हैं जो कि शरीर को नुकसान पहुंचा रहे थे। अब आप पूरी तरह से सुरक्षित हैं यानि आपने फाइलेरिया के परजीवी को अपने शरीर से बाहर निका लने का काम कर लिया है।
उन्होंने हर किसी से अपील करते हुए यह भी कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम जब आपके घर पर फाइलेरियारोधी दवा खिलाने आए तो दवा खाने से मना न करें और न ही कोई बहाना बनाएं क्योंकि आपकी भलाई के लिए सरकार अभियान चलाकर यह दवा खिला रही है। इसलिए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन जरूर करें। फाइलेरियारोधी दवा का सेवन एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमण के पांच से 15 साल के बाद फाइलेरिया के लक्षण उभर कर सामने आते हैं। स्वास्थ्य विभाग आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवा खाने से लिम्फोडिमा (हाथ, पांव और स्तन में सूजन) व हाइड्रो सील (अंडकोष में सूजन) से बचाव होगा। इस दवा का लगातार तीन साल तक साल में एक बार सेवन करने से फाइलेरिया से बचाव होता है। उन्होंने बताया कि फाइले रिया से बचने का उपाय समय पर फाइलेरिया रोधी दवा को खाना है। एक महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखें कि दवा कभी भी खाली पेट नहीं खाना है।
उड़वा गांव में सभी बच्चे स्वस्थ-सीएमओ
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