माधौगढ। एक ओर हाईकोर्ट ग्राम सभाओं में सरकारी जमीन और तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए सख्ती से आदेश दे चुका है। वही माधौगढ़ ब्लॉक के मचकचा में प्रधान सोना देवी के जेठ ने 70-80 बर्ष पुराने कुम्हरगढ़ा के तालाब को अपने खेत में जबरन जीसीबी से बंद कर मिला लिया। जिस खेत में तालाब के रकबे को मिलाया गया है,वह खेत प्रधान के बेटों और जेठ के नाम है। ग्रामीणों ने 30 सितंबर को उपजिलाधिकारी कार्यालय में इस मामले की शिकायत की थी। जिस पर थाना समाधान दिवस में शिकायत को दर्ज कर राजस्व विभाग की टीम द्वारा मामले की पैमाइश कराई गई। पैमाइश में यह बात साबित हुई के तालाब के रकबे को प्रधान के परिजनों ने अपने खेत में मिला लिया। रिपोर्ट के बाद यह तो तय है कि प्रधान में अपनी दबंगई से तालाब को बंद कर अपने खेत में मिलाया। तो उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं की गई? लेखपाल निशा यादव ने इस बात को माना कि हां तालाब की जगह थी। जिसे छुड़वा दिया गया है। वहीं तहसीलदार प्रेम नारायण प्रजापति ने जल्द ही कब्जा करने वालों को नोटिस देने की बात कही है। वहीं शिकायतकर्ता ग्रामीणों हरि सिंह,जयराम,परशुराम आदि का कहना है की तालाब के गाटा संख्या 60 में तालाब का रकबा 15 विशे है। लेकिन लेखपाल ने मात्र 7 विशे ही जगह छुड़वाई है।
प्रधान के परिजनों ने किया तालाब पर कब्जा
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