दुनियां के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार वोटिंग के जरिए स्पीकर को हटाया गया

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अमेरिका के मजबूत लोकतंत्रा का पावर – प्रतिनिधि सभा में स्पीकर को पद से हटाना, मजबूत लोकतांत्रिक ताकत की मिसाल है
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
वैश्विक स्तरपर दुनियां की महाशक्ति माने जाने वाले देश अमेरिका को दुनियां का सबसे पुराना लोकतंत्र माना जाता है, जिसकी जड़ें काफी मजबूत मानी जाती है।वैसेभी जहां लोकतांत्रिक व्यवस्था होती है वहां सत्ता की चाबी आम जनता के पास होती है। बड़े-बड़े नेताओं लीडरों मंत्रियों यहां तक कि प्रधान मंत्री को भी वोटो के माध्यम से जनता जनार्दन धराशाही करने का पावर रखती है। इसलिए ही लोक तांत्रिक देश में बड़े-बड़े नेता जनता जनार्दन को नतमस्तक होते हैं, क्योंकि उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिद्दि लोकसभा विधानसभा प्रति निधि सभा में अपने वोटरों का प्रतिनिधित्व कर सत्तर का खेल बनाते बिगाड़ते हैं जिसका नजारा हम भारत में बहुत अच्छी तरह से देख चुके हैं क्योंकि दुनियां का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है। हालांकि जनता के चुनें हुए प्रतिनिधि ऊपर क्या करते हैं वह भी वोटरों से छिपा नहीं है जिसका सबक वोटर फिर उन्हें अगले चुनाव में दिखा देते हैं। चूंकि दिनांक 4 अक्टूबर 2023 को दुनियां के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका में देर शाम प्रतिनिद्दि सभा के स्पीकर को 216ध्210 के मामूली छह वोटो के अंतर से प्रस्ताव पास होने के कारण अपने स्पीकर पद से हटना पड़ा है, जिससे पूरी दुनिया स्तंभ स्तब्ध रह गई है कि लोकतंत्र की इतनी बड़ी ताकत भी हो सकती है, क्योंकि अमेरिकी इतिहास में इस तरह की राजनीतिक या यूं कहें कि लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार हुआ है कि स्पीकर को वोटिंग के से उसके पद से हटाया गया है। यह अमेरिकी इतिहास में स्पीकर पद का दूसरा सबसे छोटा कार्यकाल वाला स्पीकर पद भी बन गया है। बता दें कि अमेरिका में शटडाउन टालने के लिए स्पीकर ने एन टाइम पर बाईडेन प्रशासन को संजीविनी बूटी दी थी, तबसे ही कयास लगना शुरू हो गए थे के अब स्पीकर को अपना पद गवना पड़ सकता है, क्योंकि कुछ सांसद इस कदम से नाराज चल रहे थे, चूंकि सबसे पुरानें लोकतंत्र अमेरिका में हमने लोकतंत्र के अविश्वसनीय ताकत देखी है इसलिए आज हममीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, अमेरि का के मजबूत लोकतंत्र का पावर, प्रतिनिधि सभा में स्पीकर को पद से हटाना मजबूत लोकतंत्र की ताकत की मिसाल है।
साथियों बात अगर हम स्पीकर को पद से हटाने को समझने की करें तो, रिपब्लि कन सांसद को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। अमेरि की संसद कांग्रेस के निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा ने मंगलवार (स्थानीय समया नुसार) को स्पीकर पद से हटाने के पक्ष में मतदान किया। अमेरिका के इतिहास में पहली बार इस तरह का मतदान हुआ है। वहीं, वे वोटिंग के जरिये पद से हटाए जाने वाले पहले स्पीकर बन गए हैं। स्पीकर को पद से हटाने का समर्थन मुट्ठी भर दक्षिणपंथी रिपब्लिकन कट्टर पंथियों ने किया था। हालांकि प्रस्घ्ताव पर वोटिंग के दौरान हैरानी हुई, जब डेमोक्रेट्स सांसद स्पीकर को बचाने की बजाय रिपब्लिकन के साथ शामिल हो गए और स्पीकर के विरोध में वोट दिया। याने इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष साथ दिखा। ऐसे में स्पीकर के पास पद पर बने रहने का कोई रास्ता नहीं बचा था। 7 जनवरी, 2023 को स्पीकर चुने गए थे और मंगलवार को उन्हें पद से बेदखल कर दिया गया। कुल 269 दिनों तक हाउस स्पीकर के रूप में उन्होंने कार्य किया। ये अमेरिका के इतिहास में किसी स्पीकर का दूसरा सबसे छोटा कार्यकाल है। सदन को अब नए अध्यक्ष के लिए चुनाव कराना होगा, हालांकि दोनों में से किसी भी पार्टी के पास जीत हासिल करने के लिए आवश्यक समर्थन नहीं है, तब तक पैट्रिक मैकहेनरी कार्य वाहक स्पीकर रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मैककार्थी को हटाने के लिए लाए गए प्रस्ताव को सदन में 216-210 मतों के अंतर से पास किया गया मैकार्थी को पद से हटाने के लिए सात रिपब्लिकन सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, मैक्कार्थी ने डेमोक्रेट्स सांसदों से उनके पक्ष में मतदान की अपील की थी। उन्होंने कहा कि अगर डेमोक्रेट्स उनके पक्ष में वोट करेंगे तो वह उन्हें कुछ होगा।
साथियों बात अगर हम स्पीकर को पद से हटाने के कारण की करें तो, अमेरिका फिलहाल वित्तीय अस्थिरता का सामना कर रहा है. देश में 30 सितंबर 2023 तक सरकारी फंडिंग खत्म होने वाली थी और अगर इस बीच कोई बड़ा फैसला नहीं लिया जाता, तो अमेरिका को शट डाउन का सामना करना पड़ सकता था। इस बीच मैक्कार्थी ने एक शार्ट-टर्म फंडिंग बिल को मंजूरी दे दी, जिससे सर कारी शटडाउन से बचा जा सका। मैक्कार्थी ने भले ही इस कदम से व्हाइट हाउस को खुश कर दिया, लेकिन इसने रिपब्लिकन के कुछ सदस्यों के बीच उनके नेतृत्व पर पहले से ही चल रही नाराजगी को और बढ़ा दिया, जिसके चलते उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। स्पीकर के कई समर्थकों ने कहा है कि वे स्पीकर वोट के अगले दौर के लिए उनका नाम पेश करने की योजना बना रहे हैं। आखिरी बार सदन में स्पीकर को हटाने के लिए प्रस्ताव 1910 में आया था, जब तत्कालीन रिपब्लि कन स्पीकर जोसेफ कैनन बच गए थे। अमेरिका में शट डाउन को टालने के लिए लाए गए फंडिंग बिल को प्रतिनिधि सभा से पारित कराने में मैककार्थी ने अहम भूमिका निभाई थी। उनके इस कदम से रिपब्लिकन सांसद नाराज थे। इसी कारण उन्हों ने मैककार्थी को स्पीकर पद से हाटने के प्रस्ताव का समर्थन किया। बता दें, प्रति निधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत हासिल है। अमेरिकी राजनीति में पिछले कुछ दिन में काफी उथल- पुथल देखी जा रही थी। ऐसे में अमेरिका के इतिहास में पहली बार कुछ ऐसा हुआ, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। सोमवार देर रात अमेरिकी संसद में प्रतिनिधि मैट गेट्ज ने केविन मैक्कार्थी को पद से हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया। जिसके बाद सांसदों ने वोट किया। केविन मैक्कार्थी को पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी की जगह स्पीकर बनाया गया था।
साथियों बात अगर हम स्पीकर की करें तो, केविन मैक्कार्थी ने रिपब्लिकन स्पीकर जोसेफ कैनन का जिक्र किया, जिन्होंने 100 साल से भी अधिक समय पहले अपने आलोचकों का डटकर मुकाबला किया था और उन्हें बाहर करने के लिए खुद ही मतदान कराया था। कैनन उस निष्कासन प्रयास से बच गए, जो पहली बार था जब सदन ने अपने स्पीकर को हटाने पर विचार करने के लिए वोट किया था। इसके बाद एक हालिया खतरा, 2015 में आया था, हालांकि उसमें वोटिंग नहीं हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के 234 साल के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब सदन से स्पीकर को ही हटाया गया है। इससे कांग्रेस के बीच आंतरिक सत्ता संघर्ष भी सामने आया है। 58 वर्षीय पूर्व उद्यमी मैक्कार्थी ने अमेरिकी सदन छोड़ते समय कोई टिप्पणी नहीं की, ये सब ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नजदीक है। फिलहाल सदन के एक अन्य प्रतिनिधि पैट्रिक मैकहेनरी ने कार्यवाहक स्पीकर के रूप में पदभार संभाला है। स्थायी प्रतिस् थापन के लिए सदन को चुनाव का इंतजार है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव से एक साल पहले प्रतिनिद्दि सभा के स्पीकर पद का चुनाव होगा। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा एक नए स्पीकर का चुनाव करेगी, जो केविन मैक्कार्थी की जगह लेगा। सबसे बड़ी बात देखने योग्य यह है कि शटडाउन का स्थगन केवल 17 नवंबर 2023 तक ही है उसके बाद क्या होगा इस पर दुनियां की नजरें लगी हुई है। अतः अगर हम उप रोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि लोकतंत्र की ताकत का तकाजा।दुनियां के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार वोटिंग के जरिए स्पीकर को हटाया गया। अमेरिका के मजबूत लोकतंत्र का पावर – प्रतिनि द्दिसभा में स्पीकर को पद से हटाना, मजबूत लोकतांत्रिक ताकत की मिसाल है।

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