बच्चों को कराया गया अन्नप्राशन

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(राम मिलन शर्मा) रायबरेली। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान एवं बिरला कारपोरेशन लिमिटेड के सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम के सहयोग से अमावाँ ब्लाक की हरदासपुर आंगनबाड़ी केंद्र में छह माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों का अन्नप्राशन कराया गया।
इस अवसर पर अमावाँ ब्लाक की बाल विकास परियोजना अधिकारी शिवानी गुप्ता ने बताया कि छह माह की आयु के बाद मां का दूध बच्चे की शारीरिक एवं मानसिक वृद्धि के लिए पर्याप्त नहीं होता है इसलिए बच्चे को ऊपरी आहार देना बहुत जरूरी होता है। अगर इस आयु से ऊपरी आहार देना शुरू नहीं करेंगे तो बच्चे के कुपोषित होने की संभावना बढ़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हर माह में एक बार अन्नप्राशन दिवस आयोजित किया जाता है। जिसमें छह माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों का अन्नप्राशन किया जाता है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हर माह टेक होम राशन (टीएचआर) अर्थात अनुपूरक आहार का वितरण किया जाता है। जिसमें छह महीने से तीन वर्ष के बच्चों के लिए चावल, दाल, सोयाबड़ी अथवा दलिया लाभार्थियों को उपलब्ध कराया जाता है और बच्चों की माओं को इससे विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के बारे में जानकारी दी जाती है, जिससे बच्चों को संतुलित एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो सके। बाल कुपोषण को कम करने में अनुपूरक आहार की अहम भूमिका होती है।
कार्यक्रम में शामिल बिरला से श्रीमती सुनीता भल्ला ने बताया कि छह माह के बाद बच्चे को अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान जारी रखें। दिन में पांच से छह बार घर का बना सुपाच्य खाना दें। शिशु के लिए प्रारंभिक आहार तैयार करने के लिए घर में मौजूद खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जा सकता है। सूजी, गेहूं का आटा, चावल, रागी, साबुत अनाज या दालें, बाजरा आदि से बना भोजन बच्चे को दें। छह से नौ माह तक के बच्चों को गाढ़ा एवं सुपाच्य भोजन खिलाना चाहिए। वसा की आपूर्ति के लिए आहार में छोटा चम्मच घी या तेल डालना चाहिये। दलिया के अलावा अंडा, मछली, हरी सब्जियों, मौसमी फलों एवं सब्जियों को बच्चों के भोजन में शामिल करें।
आगे बिरला से आये मानव संसाधन प्रमुख हेमंत श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चों के आहार में इन बातों का रखें ख्याल -छह माह बाद स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार शिशु को दें,- स्तनपान के अतिरिक्त दिन में पांच से छह बार शिशु को सुपाच्य खाना दें, – शिशु को मल्टिग आहार (अंकुरित साबुत आनाज या दाल को सुखाने के बाद पीसकर) दें, – शिशु यदि अनुपूरक आहार नहीं खाए तब भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा करके कई बार खिलाएं
इसके साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चे का खाना बनाने, उसे खिलाने से पहले अच्छे से हाथ धोएं। बच्चे को साफ कटोरी और चम्मच से खाना खिलाएं।
बिरला कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी विकास बाजपेई ने कार्पोरेशन द्वारा चल रही गतिविधियों के बारे में बताया गया।
इस मौके पर कुल सात बच्चों का अन्नप्राशन कराया गया। इस अवसर पर बिरला परिवार की तरफ से आंगन- बाड़ी केंद्र को वाटर जग दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलम, सरिता, सहायिका सीमा श्रीवास्तव सहित अन्य ग्रामीण महिलाएं, बिरला कार्पोरेशन लिमिटेड से ज्योति चैधरी, सुप्रिया श्रीवास्तव, शालिनी राठौर, नम्रता जैन, स्तुति, अर्चना माली, मुकेश राठौर, शिव गोविन्द सिंह, परियोजना सहायक प्रशांत शुक्ला, छमा रानी एवं लाभार्थी उपस्थित रहे।

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