आज खिलाई जायेगी 9,66,096 बच्चों, किशोर-किशोरियों को पेट से कीड़े निकालने की दवा

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(राम मिलन शर्मा)
रायबरेली। जनपद में 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन होगा जिसके तहत एक से 19 साल की आयु के बच्चों/किशोर और किशोरियों को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में प्रेस कान्फ्रेंस हुई। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अंशुमान सिंह ने बताया कि कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन साल में दो बार होता है जिसके माध्यम से एक से 19वर्ष आयु वर्ग के 9,66,096 बच्चों/किशोर ध्किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाती है। 400 एमजी की एलबेंडाजोल की आधी गोली एक से दो वर्ष तथा 2 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी गोली स्कूल/मदरसा या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने सामने सेवन कराएंगे।
पेट में कीड़े होना कृमि रोग कहलाता है। इस रोग से निजात दिलाने के लिए एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी जो पूरी तरह सुरक्षित है। लक्षित आबादी इस दवा का सेवन जरूर करे। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दवा चबाकर ही खानी है क्योंकि लार के साथ ही दवा के मिलने से यह प्रभावी होगी। अभिभावक अपने बच्चों को दवा का सेवन जरूर कराएं। यह दवा सभी बोर्ड विद्यालय, मदरसा और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से खिलाई जाएगी। जो बच्चे इस दिन दवा का सेवन करने से रह जाएंगे उन्हें 13 से 15 फरवरी के मध्य माप अप राउंड का आयोजन कर दवा खिलाई जाएगी।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्थाना ने बताया कि गंदे हाथों से भोजन का सेवन करने, खुला खाना खाने, कच्चे फल और सब्जियों को ठीक से न धोकर खाना खाने और नंगे पैर चलने से कृमि रोग होता है। पेट में कीड़े होने से बच्चों की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ता है। बच्चे कुपोषित हो सकते हैं उनमें खून की कमी हो सकती है। जिसके कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से किसी भी बीमारी के संपर्क मंे आसानी से आ सकते हैं। पेट में कीड़े होने पर बच्चे का वजन कम होता जाता है, भूख नहीं लगती है। थकावट और कमजोरी बनी रहती है। इसके अलावा, दांत चबाना और मलाशय में खुजली होती है।
पेट में कीड़े न हों इसके लिए आवश्यक है कि हमेशा नाखून छोटे और साफ रखें। अच्छे से पका हुआ भोजन का सेवन करें, साफ पानी पीयें, खाना हमेशा ढक कर रखें। शौच के बाद, खाना बनाने और खाने से पहले हाथ अच्छे से धोएं। फल और सब्जियों को धोकर ही खाए। साफ सफाई रखें, हमेशा जूते या चप्पल पहनकर रहें और शौचालय का ही प्रयोग करें। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अरुण कुमार, डीईआईसी मैनेजर, नितेश जायसवाल, यूनिसेफ की डीएमसी वन्दना त्रिपाठी, प्रतिनिधि एवीडेंस एक्शन से विजयराज श्रीवास्तव और सीफार से सतीश शुक्ला आदि उपस्थित रहे।

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