(तौहीद अंसारी) प्रयाग राज में श्रद्धालुओं की संख्या में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है और हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक काशी भ्रमण पर आ रहे हैं। श्रद्धालु संगम नदी के विभिन्न घाटों पर स्नान और पूजा अर्चना के लिए जाते है और साथ- साथ पर्यटक बोटिंग भी करते है। इस दौरान कभी-कभी डूबने की घटनाएँ भी होती है। हालांकि घाटों पर उपलब्ध लोगों, नाविकों व मल्लाहों द्वारा डूबने वाले श्रद्धालुओं के बहुमूल्य जीवन को बचाने की कोशिश भी की जाती है, लेकिन प्राथमिक उपचार व घरेलू संसाधनों से उपचार देने की प्रक्रिया का सही ज्ञान न होने पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए कमान्डेंट मनोज कुमार शर्मा, 11 एनडीआरएफ वारा णसी के कुशल दिशा- निर्देशन में विशेष सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम संगम के सभी प्रमुख घाटों पर लगातार चलाई जा रही है। जिसमें घाटों पर मौजूद नाव संचालकों, मल्लाहों, पुलिस कर्मियों एवं स्थानीय लोगों को बचाव की तकनीकें सिखाई जा रही हैं। इसी कड़ी में आज एनडीआरएफ की प्रशिक्षित टीम द्वारा अरेल घाट पर विशेष सामुदायिक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया जिसमें काफी संख्या में नाविकों, नाव संचालकों, मल्लाहों तथा स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
एनडीआरएफ के प्रशिक्षित एवं अनुभवी टीम द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डूबने से बहुमूल्य जीवन बचाने के कौशल पर विशेष ध्यान दिया गया। जिसमें नाविकों को डूबे हुए पीड़ित से पानी निकालने की तकनीक, सीपीआर देना, घरेलू संसाधनों से तैरने वाले उपकरण बनाने, गैर तैराक और तैराक को उपलब्ध संसाधनों से बचाने के तौर तरीके, लाइफ बाय, लाइफ जैकेट और रस्सी से बचाव इत्यादि के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।
एनडीआरएफ टीम के कमांडर इंस्पेक्टर इन्द्रदेव कुमार ने बताया कि हर एक व्यक्ति का जीवन बहुमूल्य है और इस प्रकार के सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम से लाभ लेकर जरुरत पड़ने पर स्थानीय लोगों व नाविकों को श्रद्धालुओं के बहुमूल्य जीवन को बचाने में मदद मिलेगी।
माघ मेला में बढ़े पर्यटन को देखते हुए एनडीआर एफ ने नाव संचालकों एवं श्रद्धालुओं को किया जागरूक
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