Voting को राष्ट्र निर्माण में योगदान समझें, राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से मतदान अवश्य करें: मुर्मू

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time6 Minute, 51 Second

Jan 25, 2023
तेरहवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निर्वाचन आयोग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करती हुई राष्ट्रपति ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं की बढ़ती सक्रिय भागीदारी पर खुशी जताई और इसे चुनावी प्रक्रिया की बहुत बड़ी उपलब्धि करार दिया।
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को सुविधा संपन्न लोगों और युवाओं में मतदान के प्रति उदासीनता को रेखांकित करते हुए मतदाताओं का आह्वान किया कि वे मतदान को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान समझें तथा राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ मतदान अवश्य करें। तेरहवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निर्वाचन आयोग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करती हुई राष्ट्रपति ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं की बढ़ती सक्रिय भागीदारी पर खुशी जताई और इसे चुनावी प्रक्रिया की बहुत बड़ी उपलब्धि करार दिया। इस अवसर पर मुर्मू ने सर्वश्रेष्‍ठ निर्वाचन अभ्‍यास की दिशा में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार 2022 प्रदान किए। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘एक जन सेवक के रूप में मेरा व्यक्तिगत अनुभव ये रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों और वंचित वर्गों के भाई बहन चुनाव प्रक्रिया में बहुत आस्था रखते हैं और बढ़-चढ़कर भागीदारी भी करते हैं।
सुविधा संपन्न लोगों तथा युवाओं में चुनाव के प्रति अपेक्षाकृत कम उत्साह देखा जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने भी मतदान के प्रति इस उदासीनता को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सभी नागरिकों से आग्रह है कि आप सब मतदान को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान समझें तथा राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ मतदान अवश्य करें।’’ इस अवसर पर ‘‘मैं भारत हूं, हम भारत के मतदाता हैं’’ गीत का प्रदर्शन किए जाने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इसमें भी मतदान के राष्ट्रीय कर्तव्य पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस गीत में यह संदेश दिया गया है कि ‘‘हम भारत भाग्य विधाता हैं, हम भारत के मतदाता हैं’’ उन्होंने कहा, ‘‘मतदान करना चाहिए, भारत के लिए।’’
मुर्मू ने कहा कि मतदाताओं और निर्वाचन आयोग के सम्मिलित प्रयासों से चुनावी प्रक्रिया को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र विश्व के सबसे जीवंत और स्थिर लोकतंत्र के रूप में सम्मानित है और भारत का निर्वाचन आयोग विश्व के अनेक देशों में चुनाव प्रबंधन के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। भारत में निर्वाचन प्रक्रिया की शानदार सफलता के पीछे मतदाताओं, निर्वाचन आयोग, विभिन्न राजनीतक दलों, संगठनों, मीडिया और गैर सरकारी संगठनों के योगदानों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि चुनाव के माध्यम से पिछले सात दशकों के दौरान देश में एक सामाजिक क्रांति संभव हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लोकतंत्र की बहुत बड़ी सफलता है कि दूर-सुदूर क्षेत्रों में रहने वाला सामान्य मतदाता ये महसूस करता है कि देश अथवा राज्य की शासन व्यवस्था कौन चलाएगा और कैसे चलाएगा।
यह तय करने में उसकी निर्णायक भूमिका शामिल है।’’ उन्होंने कहा कि संविधान में निहित सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय लोकतंत्र निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि निर्वाचन आयोग तथा अन्य सभी प्रतिभागियों के सम्मिलित प्रयास से देश का लोकतंत्र और अधिक सुदृढ़ बनेगा। समारोह में कानून मंत्री किरण रिजीजू, मुख्य चुनाव आयुक्त भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया और लोकतंत्र की बहुत बड़ी उपलब्धि है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने संसद के इतिहास में पहली बार महिला सदस्यों की संख्या 100 के आंकड़े को पार करते हुए 115 तक पहुंचने का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक देश की बहन-बेटियां लोकतंत्र को मजबूत करने में सक्रिय योगदान दे रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी सक्रियता और संख्या में और अधिक वृद्धि होनी चाहिए।’’ उन्होंने इस बात पर भी खुशी जताई कि आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में पिछड़े आदिवासी, दिव्यांगजनों, वयोवृद्ध औरट्रांसजेंडर मतदाताओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू, कानून राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Next Post

Pune की Bhima नदी में मिली परिवार के 7 लोगों की लाश, पुलिस ने गिरफ्तार किए हत्या के आरोपी

Jan […]
👉