(मो मुर्तजा कुरैशी)
महराजगंज रायबरेली ग्रामसभा पूरे अचली में ग्रामीणों द्वारा ग्राम प्रधान के ऊपर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए गए ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से भी भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत की थी। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लेकर 2 सदस्यीय जांच टीम बना दी थी 4 जनवरी को जांच टीम द्वारा ग्रामीणों के सामने अभिलेखों की जांच की गई थी जिसमें ग्राम प्रधान के द्वारा भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए थे। बुधवार को जिला विपणन खाद्य रसद अधिकारी अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग रायबरेली द्वारा ग्रामसभा पूरे अचली में पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण किया गया। ग्रामीण नन्हई मौर्य पवन कुमार रामचंद्र आदि ग्रामीणों द्वारा हैंडपंप एवं अन्य कार्य में हुए भ्रष्टाचार की जिलाधिकारी से शिकायत की थी जिसमे जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे बुधवार को जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्राम पंचायत अधिकारी को बुलाकर हैंडपंपों की जांच की जिसमें कई खामियां निकलकर सामने आई जैसे रिबोर के नाम पर पैसा तो निकाला गया लेकिन रिबोर कम किए एवं मरम्मत के नाम पर भी पैसा निकाला गया लेकिन मरम्मत में भी जमकर खेल खेला गया जांच टीम ने जब पूछा कि हैंडपंपों की मरम्मत हुयी है कि नहीं शिकायतकर्ताओं ने बताया हैंडपंपों की मरम्मत कम की गयी हैं और पैसा अधिक निकाला गया है। जांच टीम के सामने ग्रामसभा पूरे अचली में हैंडपंप के नाम पर भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए।
जांच टीम के अधिकारियों ने जब ग्राम प्रधान प्रतिनिधि से बात की तो उन्होंने बताया कि मैं कुछ जरूरी काम से बाहर हूं और आने में असमर्थ हूं। जहां एक तरफ सरकार नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है कि महिलाओं की हिस्सेदारी अधिक से अद्दिक हो और कई तरह की योजनाएं चला रही है वहीं ग्राम प्रधान तो महिला है लेकिन प्रधानी उनके पति चला रहे हैं आखिर कैसे नारी सशक्ति करण को बढ़ावा मिलेगा। तो क्या घूंघट की आड़ से चलेगी प्रधानी जब ग्राम प्रधान गांव में ही मौजूद है और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गायब है तब सवाल उठता है कि सारे निर्णय ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ही लेते हैं।
सरकार अधिक से अधिक कोशिश करती है कि महिलाओं की भागीदारी हर जगह हो लेकिन क्या फायदा प्रधान तो महिला है लेकिन प्रधानी उनके पति करते हैं।
ग्रामसभा पूरे अचली में जांच टीम को स्थलीय निरीक्षण में मिली खामियां
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