राष्ट्र माता सावित्री बाई फूले को मिले भारत रत्न -रामानन्द सैनी

RAJNITIK BULLET
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(सन्तोष उपाध्याय)
सरोजनीनगर। राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र में राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले का जन्मदिवस दिन मंगलवार को बड़े ही धूमधाम के साथ एसएसडी. पब्लिक स्कूल अली नगर सुनहरा, कृष्णा नगर, लखनऊ में मनाया गया। माता सावित्रीबाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद समाज सेविका और अधिवक्ता मंजू सैनी ने कहा कि हमें शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि पढ़ लिख करके ही हम अपना भला कर सकते हैं और देश और समाज का भी। इस लिए यथासंभव महिलाओं और बेटियों को पढ़ाने पर सबसे ज्यादा जोर देना चाहिए। विद्यालय के प्रबंधक रामानन्द सैनी ने बताया कि राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले देश की प्रथम महिला शिक्षिका थी। उन्होंने विषम परिस्थितियों में स्वयं अध्ययन किया और विद्यालय खोल करके बालिकाओं को अध्ययन करने का अधिकार दिलाया।
इस जमाने में कोई सोच भी नहीं सकता था कि महिलाएं कभी शिक्षित होंगी। उस जमाने में महिलाओं के लिए पहला विद्यालय खोलकर उन्होंने विद्यालय प्रबंधक के साथ-साथ प्रथम शिक्षिका, प्रधानाध्यापिका का तमगा हासिल किया। वह सिर्फ एक शिक्षिका ही नहीं थी उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर के समाज की अनेक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया, जिसमें वह सफल भी हुई। परंतु आज राजनीति के कुछ स्वार्थी लोगों ने उन्हें वह स्थान देने से वंचित किया जिसकी का हकदार थी। आइए हम सब लोग मिलकर के माता सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन मनाते हैं और यह संकल्प लेते हैं कि उनके जितने भी काम थे उन्हें जनहित में पुनः शुरू करेंगे। रामानंद ने सरकार से मांग की कि ज्योतिबा फुले और सावित्री- बाई फुले को संयुक्त रूप से भारत रत्न प्रदान किया जाए। इसके बाद आराधना मिश्रा, मधु अवस्थी, स्नेह लता यादव, कैलाश शर्मा, विमल कुमार, सर्वेश कुमार, मीना रावत तथा सारिका सिंह ने माता सावित्रीबाई फुले के जन्मदिन पर अपने अपने विचार व्यक्त किए।

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