हैदराबाद। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार सभी चिकित्सा कॉलेज और अस्पतालों में ‘‘एकीकृत औषधि’’ के लिए एक अलग इकाई बनाने पर काम कर रही है। पारंपरिक औषधि को पूरक उपचार से जोड़ने वाली पद्धति को एकीकृत औषधि कहा जाता है।
मांडविया ने ‘हार्टफुलनेस’ द्वारा आयोजित ‘इंटरनेशनल इंटीग्रेटिव हेल्थ एंड वेलबीइंग’ (आईएचडब्ल्यू) कांफ्रेंस, 2022 में दिए अहम संबोधन में कहा कि सरकार ने ऐसे मंचों पर 1,50,000 स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्र स्थापित किए हैं, जो ध्यान, योग तथा एकीकृत स्वास्थ्य से जुड़ी सभी गतिविधियिों को बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आने वाले दिनों में हम सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एकीकृत औषधि के लिए अलग शाखा बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। अनुसंधान को प्रोत्साहन देने के मकसद से हम सभी के लिए संस्थाओं के दरवाजे खोल रहे हैं।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एकीकृत औषधि वक्त की जरूरत है और अनुसंधान सरकारी प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए।
मांडविया ने कहा कि भारत ने कोविड-19 के दौरान कीमतों में वृद्धि किए बिना 150 देशों को दवाएं भेजीं। उन्होंने कहा, ‘‘संकट के समय में मानव जाति की मदद करने के कारण दुनिया भारत पर विश्वास करने लगी है।