(प्रेम वर्मा) उन्नाव। राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद के मुखिया अंकित शुक्ला के नेतृत्व में शुक्रवार को विजय दिवस के दिन विचार गोष्ठी हुई। इसमें एनसीसी कैडेट्स ने देश प्रेम की कविताओं एवं भाषण के माध्यम से विजय दिवस की शौर्य गाथा प्रस्तुत की। अंकित शुक्ला ने बताया कि विजय दिवस 16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण मनाया जाता है इस युद्ध के अंत के बाद 93 हजार पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह परास्त किया। जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के हृदय में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ देश भर में 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है वर्ष 1971 के युद्ध में करीब 39 सौ भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे। पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद 17 दिसंबर को 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया।
भारतीय सेना के अदम्य साहस एवं शौर्य की प्रशंसा करते हुए कैडेट्स एवं विद्यार्थियों को राष्ट्र सेवा करने के लिए प्रेरित किया। छात्र- छात्राओं के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम हुआ। इस दौरान छात्राओं को विजय दिवस के बारे में जानकारी देकर उनमें वीरता, साहस, देशभक्ति के संचार के लिए, कारगिल युद्ध पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई छात्राओं ने देश भक्ति के गीत प्रस्तुत किए समाजसेवी मनोज शुक्ला ने विजय दिवस के बारे में छात्राओं को जानकारी देकर विषम परिस्थितियों में भी सैनिकों के अदम्य साहस के बारे में बताते हुए वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उनको नमन किया। अनीश, अंकित, अश्वनी शुक्ला, अंकुश, मानस, अजय, पप्पू, सतेंद्र कुमा,र राज सिंह, मोहित, मोहन, आरती, अलका, बेबी, रेखा, शिवानी, सोनम, कोमल, लक्ष्मी समस्त स्टाफ व छात्राएं मौजूद रहें।
एनसीसी कैडेट्स ने मंच सजाकर कविताओं में सुनाई विजय दिवस की शौर्य गाथा -अंकित शुक्ला
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