(अरविंद कुमार) उरई (जालौन) राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कुष्ठ रोग की जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह ओपीडी में आने वाले रोगियों को चिह्नित कर समय से उपचार कराना शुरू करें उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोगियों का फालोअप भी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जल्द जांच और समय से इलाज से कुष्ठ रोग की रोकथाम हो सकती है। इसलिए समय से इलाज कराना सुनिश्चित करेंजिससे रोग फैलने न पाए। जिला कुष्ठ अधिकारी डा0 महेश चंद्रा ने कहा कि कुष्ठ उन्मूलन के अंतर्गत चल रही गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग छुआछूत का रोग नहीं है। समय से इलाज कराने से कुष्ठ संबंधी विकलांगता से बचा जा सकता है। कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव न किया जाए। उन्होंने बताया कि यदि किसी के शरीर में सुन्नपन, चकत्ता और लाल निशान दिखाई दे रहे है तो ऐसे व्यक्ति को अपनी जांच करानी चाहिए। उन्होंने चिकित्साधिकारियों से कहा कि वह चिकित्सालय में आने वाले ऐसे लोगों को रोगियों को चिह्नित कर उनकी जांच कराना सुनिश्चित करें। कुष्ठ रोग का इलाज सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है जिसका कोई भी पैसा नहीं लगता है जिला कुष्ठ परामर्शदाता डा0 मदनमोहन ने बताया कि जिले में इस समय 153 कुष्ठ रोगी उपचाराधीन है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग में देरी से मरीज विकलांगता की श्रेणी में आ जाता है। इसलिए जरूरी है कि समय से इलाज कराकर विकलांगता से बचाया जाए। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एसडी चैधरी, डकोर सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा इदरीश मोहम्मद, सीएचसी कदौरा से डा. विनोद कुमार, जालौन सी एचसी से डा. राजीव दुबे, माधौगढ़ सीएचसी से डा. शत्रुघ्न सिंह, कोंच सीएचसी से डा. दिनेश गुप्ता समेत सभी सीएचसी और पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे।
ओपीडी में आने वाले कुष्ठ रोगियों को चिह्नित करें चिकित्सक -डा. एनडी शर्मा

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