कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। उनकी भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के लिए 23 नवंबर को सुबह 6 बजे रवाना हो गई। लेकिन इससे पहले सतपुड़ा रेंज स्थित भिंगारा, चालिसतापरी और गोमल गांवों के आदिवासी भाई, महिलाएं और बच्चे जलगांव जामोद में एकत्र हुए। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर तिनखुटी में कड़ाके की ठंड पूरी रात जागकर काटी। 23 नवंबर की सुबह साढ़े छह बजे जब राहुल गांधी वहां पहुंचे तो सभी आदिवासी भाइयों ने भारत जोड़ो यात्रा का नारा लगाते हुए कहा कि हम भी आपके साथ हैं।
राहुल गांधी ने बड़ी विनम्रता से आदिवासी भाइयों के स्वागत को स्वीकार किया और उनके द्वारा दिए गए धनुष-बाण को स्वीकार कर उनके साथ बैठकर बातचीत की। खास बात यह है कि इस बार आदिवासी भाइयों ने राहुल गांधी से कोई मांग नहीं की। राहुल गांधी ने इस दौरान कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से हम भी एक हो गए एकता का अभी हमें भी समाहा आदिवासियों ने इस अवसर पर महसूस किया। हम आदिवासियों की स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार को लेकर होने वाली समस्याओं से अवगत हैं और विश्वास है कि हम इन समस्याओं को हल करने का प्रयास करेंगे ताकि आदिवासी सम्मानित जीवन जी सकें।
पूर्व विधायक हर्षवर्धन सपकाल ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के प्रति आदिवासी भाइयों की निष्ठा और कड़कड़ाती ठंड में उनके द्वारा बिताई गई रात के बारे में जानकारी दी। पाटिल, ए प्रणीति शिंदे, क्षेत्रीय सचिव डॉ. स्वाति वाकेकर और रामविजय बुरांगले, प्रकाश पाटिल, अविनाश उमरकर, व. इस मौके पर अमर पचपोर आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।