(संतोष उपाध्याय) सीतापुर, गोंदलामऊ। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी सरकार जहाँ प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजों के लिए 24 घंटे दवाएं व इलाज की सुविधाएं दी रही है। वही प्रदेश के जिले सीतापुर के सिंघौली क्षेत्र में गोंदलामऊ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल है, जिसमें इमरजेंसी वार्ड के बेडांे के बिस्तर न ही बदले जाते है और ना ही वहां से जुड़े शौचालय पूरी तरह साफ सुथरे मिले। स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित मरीजों ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य कर्मी के साथ-साथ संबंधित संविदा स्वास्थ्यकर्मी भी मनमानी तरीके से अपनी ड्यूटी निभाते है, जिम्मेदार डाक्टर, फार्मासिस्ट व वार्ड बाय, नर्स अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते है। मरीजों ने बताया कि यहां पर आए दिन इमरजेंसी वार्ड में एक दो घंटा तक इंतजार करना पड़ता है और पेरासिटामोल को छोड़कर कुछ भी दवाइयां नहीं मिल पाती और ना ही किसी प्रकार की जांच की सुविधाएं दी जाती है, यही नहीं मौके पर पुरुषों व महिलाओं का सुलभ शौचालय भी गंदा पाया गया। जब मीडिया पहुँची तभी आसपास के आवास में आराम कर रहे डा0 शारिक सहित स्वास्थ कर्मी पहुँचे, अपनी गलती स्वीकार करने के बजाय प्रशासन पर उल्टा लगाया आरोप। उनका कहना है कि अस्पताल ही नही हम भी बीमार है। मौके पर अस्पताल में गंदगी व अनुपस्थिति पाई गई तो उन्होंने अपनी लाचारी दिखाते हुए अपर आला अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा पैरासिटामोल दवा को छोड़ कर अन्य कोई दवाई नही मिलती, जो भी यहां पर मरीज आते हैं उनको पेरासिटामोल दवाई के अलावा कोई दवाई उपलब्ध नहीं होती, यहां की पानी की टोटियां तक निकालकर लोग लेकर चले जाते हैं, जब कि पुलिस चैकी वही पर स्थित है। फिलहाल इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति भगवान भरोसे है, ना ही कोई जिम्मेदार ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और न ही आसपास की सफाई व्यवस्था पाई गई और मरीज भटकते हुए पाए गए।
गोंदलामऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज भटकते रहे, डाक्टर साहब गायब रहें
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