घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। लोगों में चीख-पुकार है। परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है। जम्मू कश्मीर प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, राजनीतिक दलों की ओर से इसके निंदा की जा रही है। अब तक इस घटना को लेकर किसी आतंकी संगठन में जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन फिलहाल इस मामले को लेकर पुलिस छानबीन शुरू कर चुकी है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। प्रशासन की तरफ से लगातार यह दावा रहता है कि वह प्रत्येक कश्मीरी के सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। बावजूद इसके आज एक बार फिर से उन्हें निशाना बनाया गया है।
कुछ दिन पहले ही एक और कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट को आतंकवादियों ने निशाना बनाया था। राहुल को उनके ऑफिस में घुसकर गोली मारी गई थी। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी जिसके बाद कश्मीरी पंडितों ने जमकर विरोध प्रदर्शन भी किया था। हालांकि, उस समय उन्हें आश्वासन भी दिया गया था। वहीं, कुलगाम में 31 मई को आतंकवादियों ने एक महिला टीचर की हत्या कर दी थी। 2 जून को राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले बैंक मैनेजर पर फायरिंग की गई थी जिसमें उनकी मौत हो गई थी। कुल मिलाकर देखेंगे तो जम्मू कश्मीर के कश्मीर इलाके में टारगेट किलिंग का दौर लगातार जारी है। आतंकवादी बेखौफ होकर अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं।