JNU में जमकर हुई नारेबाजी, बाबरी मस्जिद बनाने की उठी मांग, छात्र संघ ने कहा- यह इंसाफ की लड़ाई है अंकित सिंह

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  • दिसंबर 7, 2021  

6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ी गई थी। इसी के खिलाफ जेएनयू छात्र संघ के छात्रों का यह प्रदर्शन था। छात्रों ने कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण इंसाफ के लिए लड़ाई है।

दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर से सुर्खियों में है। दरअसल, जेएनयू छात्र संघ बाबरी विध्वंस को लेकर जमकर नारेबाजी की और प्रोटेस्ट मार्च निकाला। छात्र संघ फिर से बाबरी मस्जिद बनाने की मांग की मांग कर रहे। छात्रों ने काफी देर तक नारेबाजी भी की। यह घटना 6 दिसंबर की रात का है। आपको पता था कि 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ी गई थी। इसी के खिलाफ जेएनयू छात्र संघ के छात्रों का यह प्रदर्शन था। छात्रों ने कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण इंसाफ के लिए लड़ाई है।

जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून और उपस्थित कई छात्रों ने दोबारा से बाबरी मस्जिद बनाए जाने की मांग की। जो नारा छात्रों की ओर से लगाया गया उसमें कहा गया- नहीं सहेंगे हाशिमपुरा, नहीं करेंगे दादरी, फिर बनाओ, फिर बनाओ बाबरी। इतना ही नहीं, इन छात्रों ने बीजेपी, आरएसएस और सरकार के खिलाफ पर आपत्तिजनक नारे लगाए। इस को लेकर एबीवीपी की ओर से शिकायत पर की गई है और छात्रों के खिलाफ एक्शन की मांग की गई है ताकि कैंपस का माहौल खराब ना हो।

आपको बता दें कि 28 बरस पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में घटी यह घटना इतिहास में प्रमुखता के साथ दर्ज है, जब राम मंदिर की सांकेतिक नींव रखने के लिए उमड़ी भीड़ ने बाबरी मस्जिद ढहा दी थी। इससे देश के दो संप्रदायों के बीच पहले से मौजूद रंजिश की दरार बढ़कर खाई में बदल गई थी। इस घटना के बाद देश के कई इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे, जिनमें जान और माल का भारी नुकसान हुआ।

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