(मनीष यादव) बहराइच। महामना मालवीय मिशन के तत्वावधान में नगर क्षेत्र के गुल्लाबीर रोड स्थित कुष्ठ निवावरण समिति द्वारा संचालित पुअर हाउस में रहने वाले अन्तः वासियों के साथ चैपाल आयोजित कर नशा से दूर रहने का सामूहिक संकल्प लिया गया। आश्रम में स्थाई रूप से निवास कर रहे पीड़ित, दलित, वंचित पुरूष महिलाओं को भारतीय रेड क्रास सोसायटी की ओर से किचेन सेट, हाइजीन किट, दरा व ठंडक में पहनने वाले वस्त्रों का वितरण भी किया गया। मालवीय मिशन द्वारा आयोजित नशा उन्मूलन चैपाल को संबोधित करते हुए प्रभारी मुख्य चिकित्सा द्दिकारी डा. अजीत चंद्रा ने कहा कि दरिद्र नारायण की सेवा मानव का सबसे बड़ा धर्म है। डा. चंद्रा ने आह्वान करते हुए कहा कि सभी सम्पन्न व सभ्य समाज के लोगों का नैतिक दायित्व बनता है कि वे विशाल ह्रदय का परिचय देते हुए शोषित , वंचित, निर्बल व उपेक्षित समाज को जीवनोपयोगी आवश्यकतायें उपलब्ध करवाए। प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी ने नशा को मनुष्य के पतन का कारक बताते हुए नशा से बच कर रहने के लिए आवश्यक चिकित्सकीय जानकारियां दीं। चैपाल आयोजक मालवीय मिशन अध्यक्ष व वाइस चेयरमैन रेड क्रास सोसायटी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि गुल्लाबीर व दरगाह क्षेत्र के आवासीय इलाकों में अवैध नशा का कारोबार बढ़ता जा रहा है इसकी चपेट में आकर अब तक सैंकड़ो तरुण नौजवान अपनी जिंदगियां बर्बाद कर चुके हैं साथ ही सैकड़ो घर परिवार तबाह हो चुके हैं इस पर प्रभावी अंकुश न लगाया गया तो हालात भयावह होंगे। ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष भगवान दीन मिश्र ने नशा पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आयोजित चैपाल की सराहना करते हुए नशा के खिलाफ जनजागरण अभि यान चलाए जाने की आवश्य कता बताई और नशामुक्त समाज बनाने का आवाहन किया।आयोजित चैपाल का संचालन वरिष्ठ महिला नेत्री समाजसेवी डा.अनीता जाय सवाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संगठन के प्रवक्ता सचिन श्रीवास्तव ने किया। जबकी अध्यक्षता वरिष्ठ समा जसेवी व मालवीय मिशन के संरक्षक अर्जुन कुमार दिलीप ने किया। आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समाजसेवी डा. राधेश्याम गुप्ता ,शिवराम यज्ञसेनी, राजाराम पाण्डेय, मालवीय मिशन उपाध्यक्ष विनोद कुमार पाण्डेय , दीपक शुक्ल आदि उपस्थित रहे। समापन अवसर पर कुष्ठाश्रम परिसर में स्थित हनुमान मंदिर परिसर में पूर्ण नशा बंदी के लिए सामाजिक जन चेतना अभियान चलाए जाने का सामूहिक संकल्प लिया गया और अन्तरूवासियों को जीवनोपयोगी हर सम्भव सहयोग करने का वायदा किया गया।
दरिद्र नारायण की सेवा है मानव का सबसे बड़ा धर्म
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