मानव तन मुसाफिरी है मंजिल नहीं – पंडित झिलमिल जी महाराज
(राममिलन शर्मा) लालगंज रायबरेली। श्री बालेश्वर मंदिर धाम में श्रीमद् भागवत कथा प्रथम दिवस पर मंगलवार को श्री झिलमिल जी महाराज ने श्रीमद् भागवत की अमर कथा, भागवत का प्राकट्य, परिक्षित श्राप तथा शुकदेव जी के जन्म का वृतांत विस्तार से वर्णन किया कि कैसे श्रीकृष्ण ने शुकदेव महाराज को धरती पर भेजा भगवत कथा गायन करने को ताकि कलयुग के लोगों का कल्याण हो सके। रास्ते में कैलाश पर्वत पर उन्होंने चुपके से भगवान शिव द्वारा मां पार्वती को सुनाई जा रही भागवत कथा सुन ली जिससे शिव नाराज होकर उन्हें मारने दौड़े।
’राजा परीक्षित को श्राप लगने की कथा भी सुनाई’
पंडित झिलमिल जी महराज ने प्रथम दिवस में अपनी कथा में राजा परिक्षित की सातवें दिन मृत्यु सर्प के डसने से हो जाएगी इसके बारे मे बताया उन्होंने यह भी कहा कि जिस व्यक्ति को यहां पता चल जाए कि उसकी मृत्यु सातवें दिन हो हो जाएगी तो वह क्या करेगा? उन्होंने बताया कि राजा परिक्षित ने यह जानकर उसी दिन उसी क्षण अपना महल छोड़ दिया। कथा में यजमान मनोज पांडे सपरिवार उपस्थित रहे तथा क्षेत्र के गणमान्य लोग मंदिर के प्रबंधक प्रदीप तिवारी आशुतोष सिंह, राज किशोर सिंह बघेल, अनुराग तिवारी, शिव बरन, कमल शुक्ला, संजू तिवारी मोनू मिश्रा, जितेंद्र यादव, अमित सैनी, पिंटू पंडा, राजन तिवारी, राकेश माली, तथा प्रधान प्रतिनिधि राजेश यादव आदि लोग उपस्थित रहे।
क्रासर…. श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस में मंगलवार की कथा सुनाई
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