(सौरभ श्रीवास्तव) सितंबर माह में तेज बारिश और मौसम के खराब हो जाने से देशभर में प्याज की दरे बढ़ गई है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, लखनऊ एवं दिल्ली मंडियों में प्याज के भाव 3500- 5000 रुपए प्रति कुंतल में बिक रही है।
चंद्र भानु गुप्त कृषि महाविद्यालय की कृषि विशेषज्ञ डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया की प्याज के भाव बढ़ने का मुख्य कारण हाल ही में महाराष्ट्र, राजस्थान और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में अधिक बारिश हो जाने से लाल प्याज की नई फसल बर्बाद हो गयी है। एक तरफ मौसम की मार और दूसरी तरफ समय से नर्सरी की तैयारी ना करने के कारण प्याज का उत्पादन निरंतर प्रभावित होता है। प्याज की नर्सरी की बिजाई का इस समय उपयुक्त समय है किसान भाइयों को अपने प्याज की नर्सरी तैयार कर लेनी चाहिए, नर्सरी तैयार करते समय निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। नर्सरी तैयार करते समय यह सुनिश्चित कर लें की मिट्टी को भुरभुरा अवश्य कर लें, नर्सरी कभी जल भराव वाले क्षेत्र में ना बनाएं, नर्सरी की ऊंचाई कम से कम 10 सेंटीमीटर समतल भूमि से ऊपर रखें, नर्सरी की चैड़ाई 6 फीट से ज्यादा ना रखें, आवश्यकतानुसार नर्सरी का क्षेत्रफल सदैव बढ़ाकर ही बनाएं ऐसा करने से पौधे मोटे होंगे जिससे प्याज पौध की वृद्धि शीघ्र होगी, नर्सरी को कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी तथा क्लोरोपायरीफास 2 एम एल प्रति लीटर की दर से उपचारित करें। बीज की बिजाई करने के बाद नर्सरी में यथासंभव 5 सेंटीमीटर ऊंचा आधार देकर सूखी घास, पुआल या पतावर से जब तक पौध जमाव न हो जाए ढक कर ही रखें, पौध जमाव हो जाने के बाद पलवार हटा दे, नर्सरी में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का प्रयोग कम करें, गोबर की अच्छी सड़ी हुई खाद या केंचुआ खाद का प्रयोग प्रभावी होता है, प्याज की नर्सरी में बुवाई से पहले सोडियम क्लोराइड 0.5 ग्राम को 1 लीटर गाय के मूत्र के साथ मिलाकर छिड़काव करने से पौधों की वृद्धि अच्छी होती है। प्रमुख रूप से अर्का निकेतन, एन- 53, अर्का कीर्तिमान, अर्का लालिमा, एग्री लाइट रेड, पूसा रेड एवं पंजाब सलेक्शन एवं राजगुरु अच्छी प्रजातियां हैं।
अच्छे नर्सरी प्रबंधन एवं समय से बुवाई करके प्याज के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है किसानों को सलाह दी जाती है की सभी किसान जो खेती किसानी से जुड़े हैं उन्हें यथासंभव प्याज की खेती को बढ़ावा देना चाहिए। प्रो योगेश कुमार शर्मा निदेशक एवं प्राचार्य प्रो गजेंद्र सिंह, चंद्रभान गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने बताया कि प्याज के बढ़ रहे दामो से किसान ही निजात दिला सकते हैं इसके लिए विशेष अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे प्याज के बढ़ रहे दामो पर लगाम लगाई जा सके।
आंखों में आंसू लाएगी प्याज, किसानों को जागरूक करने की आवश्यकताः डा. सत्येंद्र
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