सीडीओ ने संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण व सही उपचार के लिए प्रधानों से की अपील

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ग्राम प्रधान गांवों में समस्त कार्यों को अभियान के दौरान वृहद स्तर पर करायें- सीडीओ
(राममिलन शर्मा)
रायबरेली। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर की निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी पूजा यादव ने ग्राम प्रधानों से अपील की है कि संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा त्वरित एवं सही उपचार के दृष्टिगत पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी 03 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2023 तक एवं दस्तक अभियान 10 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2023 तक व्यापक अभियान चलाया जाना है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में संचालित की गयी सभी गतिविधियों को पुनः विस्तृत कार्ययोजना बनाकर संचालित किया जाना है। जिसमें अभियान के दौरान आप अपनी ग्राम पंचायत में नोडल होगें और आपका दायित्व होगा कि जनसम्पर्क तथा जनजागरण के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम निगरानी समितियों के माध्यम से दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों के विषय में निरंतर जागरूकता स्थापित रखना है तथा ग्राम स्तर पर साफ -सफाई, हाथ धोना, शौचा लय की साफ-सफाई तथा घर से जल निकास हेतु जन -जागरण के लिए प्रचार- प्रसार किया जाये।
वी.एस.एच.एन.सी के माध्यम से दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों के रोक-थाम हेतु ‘‘क्या करे क्या न करें’’ का सघन प्रचार- प्रसार किया जाये। इसी प्रकार शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए उथले हैण्डपम्पों को लाल रंग से चिन्हित कर जनता को उनका प्रयोग न करने के लिए जागरूक करें तथा खराब इण्डिया मार्का 2 हैण्डपम्पों की मरम्मत एवं निरंतर क्रियाशील रखना एवं उनके चारों और पक्का चबूतरा बनवाना। सामुदायिक वाटर फिल्टर, व्यक्तिगत वाटर फिल्टर तथा वाटर पम्प युक्त ट्रैक, टाइप स्टैण्ड पोस्ट की स्थापना (माइक्रो फाइनेंस योजनाओं के द्वारा) करें। पेयजल स्त्रोतों संसाधनों से शौचालयों की दूरी के उपाय, शौचालयों/ सीवर से पेयजल प्रदूषित न होने देने के लिए आवश्यक उपाय करें।
मुख्य विकास अधिकारी ने अपील में कहा है कि वेक्टर कन्ट्रोल के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा फण्ड से एन.टी. लार्वा छिड़काव की व्यवस्था, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्द्द करायी गयी हाई रिक्स क्षेत्रों की सूची में उल्लिखित स्थानों पर सघन वेक्टर नियन्त्रण एवं संवेदीकरण गतिविधियां सम्पादित कराये।
जलाशयों एवं नालियों की नियमित सफाई कराये। अपशिष्ट/ रुके हुये पानी तथा मच्छरों के प्रजनन की समस्याओं को रोकने के लिए गड्ढो का भराव तथा मकानों के बीच कंक्रीट अथवा पक्की ईंटों वाली सड़कों का निर्माण। झाड़ियों की काट-छाट का कार्य कर वाना। जलाशयों एवं तालाबों से हाई सिन्ध पौधों की सफाई करवाना।
वातावरणीय स्वच्छता के लिए जल निकासी एवं साफ- सफाई, वाटर सिल्ड शौचा लयों की आवश्यकता, ग्राम स्तर पर कचरा निस्तारण एवं प्रबंधन व्यवस्था का विकास। संक्रमण तथा जल प्रदूषण की उत्तरदायी खुली नालियों को ढकना।
सभी संवेदनशील ग्रामों में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत ग्रामों के प्रत्येक मकान में शौचालय का निर्माण कर ग्रामों को खुले से शौच में मुक्त बनाना। ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ेदानों की स्थापना में सहयोग करना। ग्राम स्तर पर ऐच्छिक स्वास्थ्य प्रेरक चिन्हित कर ग्राम वासियों के मार्गदर्शन हेतु इनका स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण सुनिश्चित करवाना।
मुख्य विकास अधिकारी ने प्रधानों से उपरोक्त के संबंद्द में आपसे अपील है कि ग्रामों में उपरोक्त समस्त कार्यों को अभियान के दौरान वृहद स्तर पर कराये, जिससे कि जनमानस को संचारी रोगों दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों से बचाया जा सके।

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