(पुष्कर सिंह) सीतापुर। पत्रकारों को फर्जी केस में न फंसाया जाए जिसके लिए सरकार ने कई बार अधिकारियों को चेताया है कि अगर फर्जी तरह से मामला साबित हुआ तो खैर नहीं। लेकिन उसके बावजूद भी अधिकारी चेतते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। इन दिनों समाचार पत्र में प्रकाशन के बाद पत्रकारों पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक बिसवां अमित कपूर द्वारा उच्चाधिकारियों सहित थाना कोतवाली बिसवां में तहरीर देकर फर्जी मामले में फंसाने का मामला तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है जिसमें पत्रकारों द्वारा अब इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी जा रही है जिसमें संवाददाता ने राष्ट्रीय सचिव श्रमजीवी पत्रकार एसोसिएशन आशीष शुक्ला घायल से इस विषय पर बातचीत की तो उन्होंने कहा कि कलमकारों का जीवन का संघर्षों से भरा हुआ है और इसमें कहीं ना कहीं किसी न किसी की कार्य शैली को प्रकाशित किया जाता है ऐसा नहीं है कि पत्रकार गलत होता है क्योंकि जब कहीं कुछ होता है तो पत्रकार लिखता है और उस का असर अधिकारियों पर पड़ता है। जिससे वह अपना आपा खो बैठते हैं और इस तरीके से फर्जी मामलों में पत्रकारों को फंसाने की कोशिश में लग जाते हैं। जिस तरीके से मामला प्रकाश में आया है वह संदेह के घेरे में है और पूर्णतया फर्जी है इस पर मामले की तह तक जाना चाहिए और जांच होनी चाहिए, मामले की जांच होगी तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। जिस तरीके से मामला फर्जी होने की जानकारी मिल रही है उससे पत्रकारों का उत्पीड़न सहन नहीं किया जाएगा। ये लड़ाई राष्ट्रीय स्तर तक लड़ी जाएगी।
पत्रकार उत्पीड़न मामले में बोले श्रमजीवी पत्रकार एशोसिएशन राष्ट्रीय सचिव आशीष शुक्ल
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