Jan 18, 2023
अपने बयान में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सांप्रदायिक राजनीति का सबसे ज्यादा खामियाजा जम्मू-कश्मीर को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस के पास अपनी विरासत, भारत के विचार, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत को पुनः प्राप्त करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था।
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा फिलहाल हिमाचल प्रदेश में है। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में यह यात्रा जम्मू कश्मीर में प्रवेश करेगी। जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में 30 जनवरी को इस यात्रा का समापन होगा। 30 जनवरी को राहुल गांधी श्रीनगर में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। इसको लेकर जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा का जम्मू कश्मीर में स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सांप्रदायिक राजनीति का सबसे ज्यादा खामियाजा जम्मू-कश्मीर को ही भुगतना पड़ा है।
अपने बयान में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सांप्रदायिक राजनीति का सबसे ज्यादा खामियाजा जम्मू-कश्मीर को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस के पास अपनी विरासत, भारत के विचार, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत को पुनः प्राप्त करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था। इसलिए, हम भारत जोड़ो यात्रा का स्वागत करते हैं और हम इसमें भाग लेंगे। पूर्व मंत्री लाल सिंह के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राहुल गांधी सड़कों पर हैं, हजारों लोग उनके साथ जुड़ रहे हैं और वह देश का ताना-बाना बुनने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे लिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन उनके साथ शामिल हो रहा है, क्या मकसद है।
इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो चुके हैं। भारत जोड़ो यात्रा जब उत्तर प्रदेश में थी तब फारूक अब्दुल्ला इसमें शामिल हुए थे। यह पदयात्रा अभी तक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से होकर गुजर चुकी है। राहुल गांधी ने दावा किया है कि भाजपा ने बेरोजगारी और महंगाई जैसे दो महत्वपूर्ण मुद्दे दरकिनार कर दिए हैं। हमने चार महीने पहले कन्याकुमारी से यह यात्रा शुरू की थी, ताकि लोगों को एकजुट किया जाए, उन्हें साथ लाया जाए और ये मुद्दे उठाए जाएं।